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"पेसको" कराए "डिस्को" सिवलियन को कहे चचेरे भाई। फौजियों को कहे खिसको।।

होशियारपुर: 29जून,2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर) आज बात करते हैं "पंजाब एक्स सर्विसमैन कॉर्पोरेशन" या "पंजाब एक्स सर्विसमेन कॉपरेटिव सोसायटी" (पेसको) की। यह संस्थाएं भारत के हर राज्य में विभिन्न नामों से कार्यरत हैं। इनका मूल उद्देश्य साबका सैनिकों की भलाई के लिए कार्य करना होता है। इसे सेवा निवृत्ति के बाद साबका सैनिकों को रोज़गार, वित्तीय सहायता और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए जाना जाता है। पंजाब के चंडीगढ़ में कार्यरत पेसको की कई जिलों में ब्रांचें काम कर रही हैं। पर बहुत से स्थानों की ब्रांचों में काम करने वाले लोगों का रूढ़ीवादी रवैया परेशान करने वाला है। एक साबका सैनिक (सिक्योरिटी गार्ड स्कूल जलालाबाद) ने अपनी पोस्ट में बताया कि वह मुक्तसर की पेस्को ब्रांच में किसी समस्या के समाधान हेतु गए पर वहां के अधिकारी की डांट सुन कर आना पड़ा। इसी तरह एक साबका सैनिक जो एक्स आर्मी वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकारी सदस्य हैं उन्होने जालंधर की पेस्को ब्रांच में विजिट किया तो सीधे मुंह किसी ने बात नहीं की। उन्होंने जब अपनी आईडी बताई तो तब जाकर सामने वाले की बातचीत में निम्रता आई। ऐसी घटनाएं पता नहीं कितनी होती होंगी। मसला शिकायत का नहीं बल्कि साबका सैनिकों के साथ ऐसा रवैया दुर्भाग्य पूर्ण है। वो भी ऐसे प्लेटफार्म पर जिसे विशेषकर साबका सैनिकों की हर समस्या के समाधान के लिए बनाया गया हो, और जहां पर कोई गैर नहीं सिर्फ़ फौजी स्टाफ ही होता है। यदि अपने ही कार्यालय में साबका सैनिकों की मान मर्यादा का ख्याल ना रखा जाता हो तो बाकी के शासन प्रशासन से कितनी कु उम्मीद कर सकते हो। इस पर ध्यान देना होगा सरकार को भीऔर साबका सैनिकों को भी। साबका सैनिकों को आवाज़ बुलंद करनी होगी और संबंधित अदारों में यदि दुर व्यवहार, भ्रष्टचार, रिश्वत और जायज हक्क चोरी हो रहें हों तो मिलकर आवाज उठानी चाहिए।

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