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भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में धूमधाम से मनाया गया 11वाँ स्थापना दिवस, पुस्तक का हुआ विमोचन

रिपोर्ट : जयदीप कुमार सिन्हा

पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति लाने में आईएआरआई झारखंड की होगी महत्ती भूमिका : डॉ परोदा

बरही । सन 2014 में प्रारंभ हुए भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र गौरिया करमा में 11वाँ स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. जिसकी अध्यक्षता आईएआरआई झारखंड के निदेशक व कुलपति डॉ चेरुकुमली निवासन ने किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आईएआरआई के पूर्व सचिव व महानिदेशक पद्म भूषण डॉ एस परोदा राव, विशिष्ट अतिथि नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू के कुलपति डॉ दिनेश कुमार सिंह व संस्थान के आईएआरआई नई दिल्ली के संयुक्त निदेशक डॉ विश्वनाथन चिन्नास्वामी सहित कई गणमान्य अतिथि, संस्थान के कृषि वैज्ञानिक, अध्ययनरत विद्यार्थी और सैकड़ों किसान शामिल हुए. दीप प्रज्वलन से शुभारंभ हुए कार्यक्रम के बाद छात्राओं के सांस्कृतिक प्रस्तुति व पुष्पगुच्छ के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया.
विशेष कार्याधिकारी डॉ विशाल नाथ पांडेय ने अपने स्वागत भाषण के बाद संस्थान के 10 वर्ष के विकास यात्रा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित किए गए. जिसका अतिथियों सहित उपस्थित जनसमूह ने तालियां बजाकर स्वागत किया. संयुक्त निदेशक ने संस्थान के अनुसंधान, कार्य और प्रशिक्षण की तारिफ करते हुए संस्थान के विकास में हरसंभव मदद की बात कही. नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सिंह ने संस्थान के प्रशिक्षण की प्रशंसा करते हुए कृषि के क्षेत्र में महत्पूर्ण योगदान देने की की बात कही.
मुख्यातिथि ने पद्म भूषण डॉ परोदा ने संस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर, अनुसंधान व प्रशिक्षण कार्य की प्रशंसा किया. 11वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए ओएसडी डॉ पांडेय व उनकी टीम को बधाई दी. मुख्यातिथि ने अपने अनुभव साझा करते देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वाहन किया. उन्होंने किसानों को नौकरी करने नही नौकरी देने की बात करते हुए पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति लाने पर जोर दिया. जिसमें आईएआरआई झारखंड की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. इसके लिए उन्होंने संस्थान के विद्यार्थियों को सक्रिय भूमिका के लिए प्रेरित किया.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में संस्थान के निदेशक व कुलपति डॉ राव ने भारतीय कृषि परिदृश्य को बदलने में आईएआरआई नई दिल्ली की भूमिका पर चर्चा किया. उन्होंने झारखंड इकाई के तीव्र विकास, बेहतर प्रशिक्षण, व्यवस्था के साथ क्षेत्रीय विकास में संस्थान की भूमिका का भी प्रशंसा किया. उन्होंने राज्य सरकार के साथ मिलकर कृषि के क्षेत्र में नीतिगत और बुनियादी सहयोग द्वारा फसल की सघनता बढ़ाने पर जोर दिया. इस दौरान संस्थान के पुस्तक का भी विमोचन किया गया.
कार्यक्रम के अंत में संस्थान की ओर से बेस्ट वैज्ञानिक, तकनीशियन, कर्मी, विभिन्न सत्र के लिए बेस्ट स्टूडेंट, मीडिया आदि को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्थान ने संस्थान परिसर में वृक्षारोपण कर किसानो के बीच फलदार पौधे का वितरण व संस्थान के विभिन्न इकाई का अवलोकन भी किया.

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