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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मे करोडो खर्च के बावजूद नतीजा सिफर , शहर की सारी सड़के क्षतिग्रस्त और नालियां हुई चौक

डिंडोरी -- लगभग पांच से छः वर्ष पूर्व जब शहर मे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य प्रारम्भ होने को था तब नगर वासियों को लगा की संभवतः अब गंदगी से अटी पड़ी नालियों और बदबू से राहत का एहसास होगा। लेकिन हुआ कुछ ऐसा,जिसकी शहर वासियों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। करोडो का खर्च और लम्बी समयावधि गुजरने उपरान्त अब सारे शहर की सड़के बदहाल है, चहुँ ओर टूटफुट के नजारे। इसके अलावा जहाँ देखों आये दिन सीवरेज प्लांट के चेम्बरों से शहर भर की गंदगी ने आमजनों का जीना मुहाल कर दिया है। बात यही ख़त्म नहीं होती, बल्की हद तो तब हो जाती है जब नगर की अधिकांश नालिया चोक हो जाती है, और फिर यही गंदगी शहर की सड़कों पर बहकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण मे की गई मनमानी और भ्रष्टाचार को बयां करती है।

कौन है जिम्मेदार..? -- बड़ा सवाल यह है की यह सब विगत चार - पांच वर्षों से निरंतर चल रहा है, तब प्रशासनिक अमला या फिर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने आवाज बुलंद क्यों नहीं की..? आखिर ऐसी क्या वजह है की जरा - जरा से मसले पर चीखने - चिल्लाने वाले पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और प्रशासनिक महकमा तमाशबीन बन शहर की बर्बादी देखता रहा।

शहर की आवाज बने सम्यक -- जब इस बेहद गंभीर मसले पर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि तमाशा देख रहे थे , तब शहर के युवा अधिवक्त सम्यक जैन ने मोर्चा संभाला और नगर की आवाज बन शहर की पीड़ा से स्वयं माध्यम बन कलेक्टर डिंडोरी सहित मुख्य सचिव भोपाल , प्रमुख अभियंता मध्य प्रदेश शहरी विकास निगम भोपाल को सीवर लाइन की समस्या से अवगत कराते हुये समाधान किये जाने लेख किया है, जिसमे उन्होंने जे एम रमानी कम्पनी पर जल निकासी प्रणाली के लिये आवश्यक मानकों या विशिष्टताओं को पूरा नहीं करना बताया है। सम्यक के मुताबिक उन्होंने पेशेवर प्लम्बर के साथ निरिक्षण किया और यह निर्धारित किया की स्थापित पाइप लाइन निम्न गुणवत्ता की है और सीवर जल निकासी के लिये उपयुक्त नहीं है या स्थानीय भवन कोड़ के अनुरूप नहीं है।

शिकायत पत्र मे यह भी है -- पत्र मे यह भी स्पष्ट किया गया है की जल निकासी की लगातार समस्याओं के बाद सामने आये इस मुद्दे ने कम्पनी के उद्योग मानकों और स्थानीय बिल्डिंग कोड के पालन को लेकर चिंताएं पैदा कर दी है। परिणाम स्वरुप लगातार रुकावटें, रिसाव या अनुचित जल निकासी भी होती है।कार्य मे अनुपयुक्त पाइप का उपयोग अनुबंध और पेशेवर मानकों का उलंघन है।

उठे बगावत के सुर -- विगत दिवस इमली कुटी घाट के सामने जिसने भी सीवर लाइन मे बरती गई लापरवाही का नजारा देखा, वह कम्पनी के प्रति अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर उतारता नजर आया। स्थिती देख यदि यह कहा जाये की मामले मे जनप्रतिनिधि अपनी किरकिरी होते देख कहीं बगावती तेवर ना अपना लें. इसलिए बेहतर होगा की समय रहते समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाये ताकि नगरवासी राहत की सांस ले सकें।


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