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वडोदरा: विश्वामित्री नदी की खुदाई से कमाटीबाग के दशकों पुराने रावण ताड़ के पेड़ बहे

वडोदरा में विश्वामित्री नदी की हालिया खुदाई को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आई हैं। पहले ही मानसून की बारिश में कमाटीबाग स्थित दशकों पुराने रावण ताड़ के कई पेड़ नदी के तेज बहाव में बह गए।
जिस तरह से खुदाई का काम किया गया है, उसे देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बचे हुए पेड़ भी नदी में समाहित हो जाएंगे। इस घटना ने पर्यावरणविदों और स्थानीय नागरिकों को चिंतित कर दिया है, जो नदी के किनारों पर स्थित वनस्पति और पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लापरवाही भरी खुदाई से न केवल पेड़ों को नुकसान होता है, बल्कि नदी के प्राकृतिक स्वरूप और जल ग्रहण क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे भविष्य में बाढ़ जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है। प्रशासन को इस मामले पर तत्काल ध्यान देने और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि शेष वनस्पति को बचाया जा सके और नदी के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखा जा सके।

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