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अतिक्रमण से पीड़ित जनता पर अब टैक्स की दोहरी मार, नगरपालिका अध्यक्ष के वादे हवा में

रामपुर नगर में टैक्स राहत के वादे हुए दरकिनार, राष्ट्रीय मानवाधिकार एंटी करप्शन मिशन के युवाप्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष ने जताई कड़ी नाराज़गी

रामपुर। नगर में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया से परेशान जनता को अब हाउस टैक्स और वॉटर टैक्स की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एंटी करप्शन मिशन के युवा प्रकोष्ठ के ज़िला अध्यक्ष विशाल कुमार दिलवारिया ने नगर पालिका परिषद के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर भारतवर्ष के विभिन्न नगरों व कस्बों में सौंदर्यीकरण की योजनाओं को लेकर सरकारें सक्रिय हैं, वहीं रामपुर नगर की आम जनता पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर में रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं, व्यापारियों की हालत डगमगा रही है, ऐसे में नगर पालिका द्वारा टैक्स वसूली की यह नीति अमानवीय प्रतीत होती है।

विशाल दिलवारिया ने यह भी कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष ने चुनाव से पहले वादा किया था कि पिछले टैक्स माफ किए जाएंगे और आगामी टैक्स में राहत दी जाएगी, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या नगर पालिका अध्यक्ष इंतजार कर रही हैं कि नगर में हालात और बिगड़ें और तब वे सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए सामने आएं?

दिलवारिया ने कहा कि नगर की जनता ने बड़े विश्वास के साथ अध्यक्ष को चुना था, लेकिन अब वे अपने वादों से मुकरते नजर आ रहीं हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि अब वह समय दूर नहीं जब आम आदमी अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग कर ऐसे नेताओं को उनकी असली जगह दिखाएगा। उन्होंने कहा कि जनता को अब संकल्प लेना होगा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को पुनः सत्ता में आने का अवसर न दिया जाए।

उन्होंने दो टूक कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अधिकार प्राप्त हैं और अगर कोई पदाधिकारी जनता के अधिकारों की अनदेखी करता है, तो उसे उसकी कुर्सी से हटाकर नीचे लाना ही आम आदमी का फर्ज बनता है।

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