
इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल पंचकूला ईकाई की काव्य गोष्ठी 21.06.25 को योग दिवस पर की गई । जिसमे सभी अधिकारी गण शामिल हुए :-
पंचकुला: श्री परमानंद दीवान जी (संरक्षक), डा०चंद्रमणि ब्रह्मदत्त (राष्ट्रीय अध्यक्ष), डा० कृष्णा आर्य (हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष ) ने"हमें योग कराना है और योग्य बनाना है"श्रीमती दर्शना सुभाष पाहवा (अध्यक्षा इंद्रप्रस्थ लिटरेचर पंचकूला),ने "आज के संदर्भ में बोलना अजीब है।
शब्दों के अर्थ बदल रहे हैं " श्री मती संतोष गर्ग "तोष"(संरक्षक), "पेड़ लगाकर आओ करें हम अपनी धरती का श्रृंगार" रंग बिरंगे फूल खिलेंगे खुश होंगे हम बारम्बार, श्रीमती रेणुअब्बी'रेणू" (उपाध्यक्षा), ने "देखा प्रकृति का अनोखा व्यवहार,रच दिया "योग " का अद्भुत विज्ञान"श्रीमती मोनिका कटारिया (महासचिव), "धन के पीछे भाग भाग क़र तन को किया बीमार,विवश हुए, बेबस हुए , हो गये लाचार" श्रीमती निशु सुशांत (सचिव),की सुपुत्री सानविका ने"देश के हर नागरिक में,मैं देश प्रेम का भाव जगाऊं गी"।श्री मती नीरजा शर्मा (सलाहकार) ने "आज योग दिवस पर सभी ले लो यह प्रण।
कितनी भी व्यवस्ताएँ हो, योग के लिए निकालेंगे कुछ क्षण"।श्रीमती सरोज चोपड़ा "चलो गलत फहमी मिटा दीजिए अब,खता क्या हुई है बता दीजिए अब"।श्रीमती नेहा शर्मा ने "सुबह-सवेरे नित्य सभी जन, योग करो मन से रहे स्फूर्ति जीवन में हरदम, रोग कटे तन से"श्रीमती विमला गुगलानी जी ने योग की जितनी महिमा गाऐं, अक्षर उतने कम पड़ जाएं, श्रीमती कुसुम धीमान ने भोर उठो प्राणायाम करो, करवा हर जन से।चित्त शान्त करता योगासन, योग करो मन से"
सभी की प्रस्तुतियां बहुत ही शानदार रही। सभी ने काव्य गोष्ठी का आनंद लिया । दर्शना सुभाष पाहवा जी ने , रेणु अब्बी जी एवं मोनिका कटारिया ने सब का दिल से आभार व्यक्त किया।
मोनिका कटारिया (मीनू)
पंचकुला हरियाणा।