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बिहार में विकाश का गंगा बाह रही है।सरकारी योजना का मापदंड कुछ भी नहीं। नहीं तो सरकारी मुलाजिम बता रहा, नहीं, कही बोर्ड लगा है। नली में ,ईटी 3 no लालबालू मिट्टी वाला, सरिया 8mm,सरकार इतना कमजोर काम कर के किया दिखाना चाहता है।

अभी हम है, बिहार का सुपौल जिला का ग्वालपाड़ा पंचायत ,के 12 no ward में यहां सरकार के तरफ से विकाश का गंगा बाह रही है।हाय रे विकाश, यहां नली बनाने में पूरी तरह से सरकार / सरकार के नुमाइंदे सबसे निचले स्तर का काम कर रही है। सरकार किस मापदंड से काम करवा रही है। नहीं तो ग्रामीण को मालूम नहीं तो स्टेमिट का दूर दूर तक पता नहीं तो बोर्ड कही लगा हैं।नहीं तो कोई जांच करने आता है। बिहार में यही सिस्टम चलता है।
नाला में ,3No ईटी, लालबालू मिट्टी बालू से अधिक मिट्टी , सरिया 8mm,10" पे सरिया बंधा जाता है, और 2 /2 का नला का लंबाई चौरई/ सरकार का इतना कमजोर काम दर्शाता है। की बिहार आज भी बिछड़ा हुआ है। इसी वजह से सरकार की काम की उन्नति नहीं दिखाती है। यहां ईमानदारी से काम क्यों नहीं होता है।ग्रामीण में इतना डार का माहौल है। कोई दबंग का डर से बोलना नहीं चाहता है।

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