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गैसावत और गहलोत परिवार के बीच सुलह मैं अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन यहां की सराहनीय भूमिका

गैसावत और गहलोत परिवार के बीच सुलह में अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन मकराना की सराहनीय भूमिका।

मैं मकराना की अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने गैसावत और गहलोत परिवार के बीच उत्पन्न विवाद को सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाई। जब यह आपसी टकराव शुरू हुआ, तब पहले ही दिन से अंजुमन कमेटी ने दोनों पक्षों को शांतिपूर्वक एकजुट करने का जिम्मा अपने कंधों पर लिया। लगातार 15 दिनों की मेहनत, समझाइश और संवाद के प्रयासों के बाद अंततः दोनों परिवारों के बीच वर्षों से चला आ रहा विवाद खत्म हुआ और एक नई शुरुआत का रास्ता खुला।

यह सिर्फ तात्कालिक झगड़े का अंत नहीं था, बल्कि वर्षों पुरानी जो तल्खियाँ और रंजिशें थीं, उन पर भी अंजुमन ने मरहम लगाने का कार्य किया। इस सुलह के माध्यम से मकराना को भाईचारे, सौहार्द और सामाजिक एकता का एक शानदार उदाहरण मिला है। यह कार्य निश्चित ही अजरो सवाब और पुण्य का है, जिसने समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का रास्ता दिखाया है। साथ ही इस आपसी विवाद को खत्म करवाने में मकराना के गणमान्य और मौजिजगण ने भी बेहतरीन भूमिका निभाकर समझौता करवाने में जो अहम भूमिका निभाई उनका भी मैं तहेदिल शुक्रिया अदा करता हूं।

भले ही झगड़े की शुरुआत किसी भी पक्ष से हुई हो, लेकिन अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि जब भी समाज में विघटनकारी स्थितियाँ पैदा होती हैं, वह बिना पक्षपात के, हर बार शांति, प्रेम और इंसानियत के पक्ष में खड़ी रहती है। गैसावत और गहलोत परिवार का फिर से एक होना, उसी नेक नीयत और अथक प्रयासों का परिणाम है। आपसी विवाद छोटा हो या बड़ा, परिवार छोटा हो या बड़ा अंजुमन की सरपरस्ती को सभी ने खुद से बड़ा मानकर उनकी अज्ञा की पालना की है।

यह संदेश हम सभी के लिए भी एक सीख है—कि आपसी रंजिश, बेवजह की दुश्मनी और टकराव में न कोई शान है, न समाधान। ऐसी बातें केवल दिलों को तोड़ती हैं, रिश्तों को कमजोर करती हैं और समाज को विभाजित करती हैं। जबकि मिलकर चलने, संवाद करने और एक-दूसरे को समझने में ही सच्चा सुख, शांति और तरक्की छुपी है।

दुआ है कि मकराना में हमेशा मोहब्बत, भाईचारा और इंसानियत का माहौल कायम रहे।

आपका अपना,
जाकिर हुसैन गैसावत।
विधायक मकराना, जिलाध्यक्ष नागौर कांग्रेस कमेटी।

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