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गेरूवा नदी में छोड़े गए घड़ियाल, संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत, माँ के नाम एक पेड़" लगाने की लोगों से अपील

बहराइच। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के मंत्री भूपेन्द्र यादव ने राज्य मंत्री केपी मलिक, सांसद आनंद कुमार गोंड व अन्य अधिकारियों के साथ कतर्नियाघाट की जीवनरेखा गेरूवा नदी में नौका विहार किया और एक वर्षीय घड़ियाल बच्चों को नदी में छोड़कर "घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम" का शुभारंभ किया।

यादव ने कहा कि वन और वन्यजीव प्रकृति की धरोहर हैं, जो पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखते हैं। उन्होंने बताया कि दुधवा टाइगर रिज़र्व भ्रमण के दौरान 25–30 सुझाव मिले हैं, जिनके आधार पर मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने की योजना बनेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का विजन है कि समुदाय आधारित विकास हो और हर व्यक्ति स्वस्थ वातावरण में जीवन जिए। इसके लिए अधिक से अधिक पौधरोपण जरूरी है। उन्होंने आमजन से अपील की कि "एक पेड़ माँ के नाम" जरूर लगाएं।

उन्होंने कतर्नियाघाट को प्रकृति प्रेमियों के लिए अद्वितीय स्थान बताया और इसके विकास को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा का आश्वासन दिया।

घड़ियाल के साथ-साथ बाघ, हाथी और गैंगेटिक डॉल्फ़िन आदि के लिए भी संरक्षण परियोजनाएं पहले से संचालित हैं।

इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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