झंझारपुर दरभंगा स्टेट हाईवे के समीप विदेश्वर मछैता सड़क किनारे अवस्थित विदेश्वरनाथ महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र।
झंझारपुर दरभंगा स्टेट हाईवे के समीप विदेश्वर मछैता सड़क किनारे अवस्थित विदेश्वरनाथ महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर की ख्याति जिले के अलावा पूरे मिथिलांचल में है। मंदिर पर स्थानीय भक्तों के साथ नेपाल से भी लोग पूजा करने के लिए आते हैं। दरभंगा मधुबनी के सीमा पर स्थित होने के कारण सावन के साथ भाद्र पूर्णिमा पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।मंदिर का इतिहासइस मंदिर का रहस्य काफी गुढ़ है। मंदिर पर लिखे शिलापट्ट पर मिथिलाक्षर से ज्ञात होता है कि 1300 ईस्वी में मंदिर का जीर्णोंद्धार हुआ था। अनुमान लगाया जाता है कि राजा विदेह से संबंध होने के कारण मंदिर का नाम विदेश्वरनाथ महादेव मंदिर पड़ा होगा। भगवान शिव के साथ माता पार्वती एवं अन्य देवी-देवताओं की अति प्राचीन मंदिर एवं मूर्ति परिसर में होने के कारण भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। मंदिर की विशेषतासावन शिवरात्रि के साथ भाद्र पूर्णिमा पर भगवान शिव के विशेष पूजा अर्चना को लेकर भव्य आयोजन होता है। लोक कथा है कि कालांतर में भगवान शिव के प्रिय भैरवनाथ रूष्ट हो गए थे। मिथिला आ गए थे। आशीर्वाद स्वरूप भगवान शिव ने उन्हें वर दिया था कि वर्ष में एक बार मिथिला के इस मंदिर में सपरिवार आएंगे। आज भी भादो पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में सुबह के दो बजे से ही भगवान शिव की पूजा अर्चना शुरू हो जाती है।इस मंदिर पर भक्तों की विशेष आस्था है।शादी विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों के साथ-साथ लोग अपनी मन्नतें पूरा होने पर भगवान शिव के जलाभिषेक एवं दर्शन को लेकर आते हैं।भक्तों पर भगवान की असीम कृपा बरसती है। लोगों के मन की मुरादें यहां पूरी होती है।