
सरकार व प्रशासन की छवि धूमिल कर रहे पाली जनपद सीईओ, भ्रष्ट्र कार्यशैली व मनमानी पर कार्यवाही की जगह आखिर किसका मिल रहा संरक्षण? लगातार कर रहा नियमों का उल्लंघन पंचायत प्रतिनिधियों ने हटाने मांग की
कोरबा/पाली/ जनपद पंचायत पाली में पदस्थ भ्रष्ट्र आचरण वाले मुख्यकार्यपालन अधिकारी अपनी कार्यशैली से भाजपा सरकार और जिला प्रशासन की छवि को धूमिल करने की दिशा में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। ग्रामीण जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि उनके गांव के विकास और बुनियादी सुविधाओं के लिए शासन से जारी राशि मे सीईओ के भारी- भरकम कमीशन की मांग ने जिले के विकास में ग्रहण लगा दिया है। अधिकारी के इस कारगुजारी पर कार्यवाही का अभाव पंचायत प्रतिनिधियों के परेशानियों को बढ़ाने के साथ सरकार के ग्राम विकास की परिकल्पना को नाकाम कर रही है। जिससे पाली जनपद के ग्राम पंचायतों में विकास योजनाएं दम तोड़ते नजर आ रही है और सरपंचों व सचिवों का मोह साय सरकार से भंग होता जा रहा है।
पाली जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी के कमीशनखोरी, भ्रष्ट्राचार व अफसरशाही से ब्लाक के सरपंच सचिव इतने त्रस्त है कि गांव विकास की कार्ययोजना बनाने से पहले सीईओ के मोटी कमीशन की मांग पूरी करने की योजना पर मनन किया जाता है। सीईओ की कार्यशैली से जनपद में भ्रष्ट्राचार इस कदर हावी है कि बिना लेनदेन यहां एक पत्ता तक नही हिलता। अनियमितताओं में लिप्त सीईओ को आखिर किसका संरक्षण मिल रहा, जिससे इनकी अनेको कारगुजारी उजागर होने के बाद भी कार्यवाही को लेकर प्रशासन लाचार है? यह सवाल मौजूदा हालात को गंभीर बना रहे है। जिससे सरकार व प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है। क्षेत्र में फैले चर्चाओं की माने तो पूर्ववर्ती शासनकाल से पाली जनपद की कुर्सी पर जमे सीईओ सोनवानी के राजनीतिक रसूख ऊंचे ओहदे पर है। इसी कारण वे बेखौफ अपनी मनमानी को अंजाम देने में लगे है। ऐसे में पीड़ित सरपंच व सचिव अपने दर्द सार्वजनिक नही कर पा रहे और उनमें यह नकरात्मक फैल चुकी है कि भ्रष्ट्राचार करने वाले अधिकारी को साय सरकार में सजा देने की जगह संरक्षण देने का कार्य चल रहा है। इससे उनका मोह मौजूदा सरकार से भंग होता जा रहा है। बीते दिनों भाजपा के पूर्व पाली मंडल अध्यक्ष व वर्तमान जिला कार्यसमिति सदस्य तथा डोंगानाला के उपसरपंच कीर्ति कश्यप द्वारा सीईओ भूपेंद्र सोनवानी पर मनमानी रवैया, कमीशनखोरी व अफसरशाही का आरोप लगा उनके आचरण में अविलंब सुधार नही होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी की खबरें आम होने के बाद जनपद के गलियारे में हड़कंप मच गया और अधिकारी के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी थी। पर उक्त भाजपा नेता व उपसरपंच का कड़ा चेतावनी अधिकारी के रवैये पर कितना सुधार ला पाता है और पंचायतों के सरपंचों- सचिवों के हित मे कितना कारगर साबित हो सकता है, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है, जो प्रशासनिक ढांचे, जवाबदेही और राजनीतिक हस्तक्षेप के समीकरणों को उजागर करता है। बहरहाल जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी के मनमानी रवैया, प्रताड़ना व कमीशनखोरी को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा है कि अधिकारी के ऐसे आचरण की वजह से शासन के मंशानुरूप गांवों का विकास कैसे हो पाएगा। उन्होंने सीईओ को पाली जनपद से हटाने की मांग की है।