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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है खास, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व। :लेखक घेवरचन्द आर्य

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है खास, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व।

लेखक: घेवरचन्द आर्य पाली

हर साल की तरह इस बार भी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस बार योग दिवस की थीम को पृथ्वी और पर्यावरण से जोड़ा गया है। इस अवसर पर सरकार द्वारा कई अलग अलग कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेगे।

योग भारत की प्राचीन परंपरा का अनमोल तोहफा है। ये पूरी दुनिया के लिए सुख शांति और स्वास्थ्य जीवन का रास्ता भी है। योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन को भी बनाए रखने में मदद करता है। भारत में योग का इतिहास लाखों वर्ष पुराना है। विश्व के प्रथम धर्म ग्रंथ वेदों में योग का वर्णन मोजूद है । वेदों से ऋषि पतंजलि ने योग को जन जन में प्रतिष्ठित करने के लिए स्तुत्य प्रयास किये। वैदिक काल में योग हर मनुष्य की दिनचर्या का अंग था इसलिए उस समय मनुष्य स्वास्थय और दिर्घायु होते थे। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस से अब पूरा विश्व इस विधा का महत्व समझने लगा है । यही कारण है कि हर वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह से मनाया जा रहा है।

भारत में इस बार 21 जून को ये दिन मनाने की तैयारी है। जिसके लिए खास थीम रखी गई है। एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग। यह थीम इस बात का संकेत करती है कि यह सृष्टि अर्थात् प्रकृति और मनुष्य शरीर दोनों एक दुसरे के पुरक है । जो कुछ प्रकृति के पंचभूत तत्वों में है वही मनुष्य शरीर के पिंड में विद्यमान है ।
इसलिए मनुष्य शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए प्रकृति और पर्यावरण पर भी ध्यान देना होगा। यह विचार वेद के 'वसुधैव कुटुंबकम' का ही निचोड़ है, जिसमे सारी दुनिया को एक परिवार माना जाता है।

11 वे योग दिवस को खास बनाने के लिए सरकार ने 10 प्रमुख कार्यक्रमों की योजना बनाई जो इस प्रकार है-
1. योग संगम 1 लाख स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन। 2. योग बंधन योग से सामाजिक जुड़ाव बढ़ाना। 3.योग पार्क सार्वजनिक स्थानों पर योग केंद्र। 4.योग समावेश सबको जोड़ने वाली पहल। 5. योग प्रभाव योग के सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा। 6. योग कनेक्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से योग को जोड़ना। 7. हरित योग पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा योग। 8. योग अनप्लग्ड सोशल मीडिया से दूर शांति से योग। 9. योग महाकुंभ विशाल योग के आयोजन
और 10. संयोग अन्य कलाओं व परंपराओं के साथ योग का मेल।

सनातन धर्म वैदिक धर्म एवं संस्कृति का गहन अध्ययन के बाद योग के महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव रखा था कि योग के महत्व को देखते हुए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया जाए। 11 दिसंबर 2014 को यूएनजीए ने ये प्रस्ताव पारित कर दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।

21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है और इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए 21 जून 2015 को पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। इस दिन दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें 35,985 लोगों ने एक साथ योग किया था, उसमें 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बताया जाता है कि इस आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी बनाए हैं।

प्रथम योग दिवस पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, योग हमारे प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। ये शरीर और मन, विचार और कर्म, आत्मा और ब्रह्मांड के बीच एकता का प्रतीक है। ये सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि खुद को, समाज को और प्रकृति को जानने का माध्यम है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, चिंता, नींद न आना, पीठ दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. योग इन सभी परेशानियों से राहत देने में मदद करता है। ये न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि ध्यान और प्राणायाम से मन को भी शांत करता है। खासकर छात्रों के लिए योग अच्छी नींद लाने और याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है

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