
राजनीति और सामाजिक सेवा का विकृत रूप,सामाजिक चिंतन,आत्ममंथन का समय ...
"आज सामाजिक सेवा और राजनीति का जो विकृत रूप हमारे सामने है, वह चिंतन और आत्ममंथन का विषय है। सामाजिक सेवा, जो कभी जनकल्याण और परमार्थ का माध्यम थी, अब कुछ कथित नेताओं और स्वघोषित समाजसेवियों के लिए चंदा वसूली, आत्म-प्रचार और दूसरों की मेहनत का श्रेय हड़पने का साधन बन गई है।
हम देखते हैं कि जो लोग अपनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और आत्मबल से सिविल सेवा, पीसीएस, आईएएस जैसी ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं, उनके जीवन-संघर्ष से इन कथित मठाधीशों का कोई लेना-देना नहीं होता — न कोई मार्गदर्शन, न कोई सहयोग। लेकिन जैसे ही वे सफल होते हैं, ये लोग उनके नाम पर मूर्ति लगाना, पूजन-अर्चन, जयजयकार और राजनीतिक चंदा वसूलने का सिलसिला शुरू कर देते हैं।
बनारस के ही दशरथ पाल जी, जो आईएएस बने, उनके संघर्ष के पीछे उनके मामा का त्याग, मार्गदर्शन और सहयोग रहा — यह सच्चाई सभी जानते हैं। परंतु समाज के कुछ तथाकथित ठेकेदारों ने उनकी मूर्तियाँ लगानी शुरू कर दीं, पूजन-अर्चन का ढोंग रचाया। इस दिखावे और झूठे महिमामंडन का ANPC ट्रस्ट और मैं स्वयं — दीपक कुमार पाल — कड़ा विरोध करता हूँ और करता रहूँगा। क्योंकि ऐसे प्रयास न तो समाज के निर्माण में सहायक हैं, न भावी पीढ़ी को प्रेरित करते हैं।
हमें यह समझना होगा कि समाज के आईएएस, पीसीएस या अन्य अधिकारी केवल मूर्तियाँ लगाकर पैदा नहीं होते। इसके लिए मजबूत शैक्षिक व्यवस्था, मार्गदर्शन केंद्र, प्रेरणास्रोत और सही वातावरण चाहिए — ताकि नई पीढ़ी स्वयं अपने सपनों की ऊँचाई तक पहुँच सके। लेकिन यह मूर्ख समाज अब भी मूर्ति लगाकर, पूजन करके और चंदा इकट्ठा कर भ्रष्ट नेताओं का उत्पादन कर रहा है, न कि सशक्त नागरिकों का।
राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन से हमें यही सीख मिलती है कि — 'सच्ची सेवा निःस्वार्थ होती है, सत्ता सेवा का माध्यम होती है, और नेतृत्व जनता के हित के लिए होता है — न कि स्वयं के प्रचार के लिए।' उन्होंने जनता के कर से मंदिर बनवाए, कुएँ खुदवाए, धर्मशालाएँ बनवाईं — न कि अपनी मूर्तियाँ और जय-जयकार करवाने के लिए।
आज समय आ गया है कि हम इस पाखंड और मानसिक शोषण से बाहर निकलें। नेतृत्व वही जो समाज को शिक्षित बनाए, युवाओं को सक्षम बनाए, न कि उनके आत्म-सम्मान का सौदा करे।
"सेवा वही जो निष्कलंक हो। राजनीति वही जो जनकल्याण के लिए हो। नेतृत्व वही जो खुद को नहीं, समाज को आगे बढ़ाए ।"