logo

निर्दोष छात्र पर थोप दिया गया तीन लाख का जुर्माना, लड़की खुद गई फिर भी बना दिया बलि का बकरा थाने में रिपोर्ट और सामाजिक पंचायत में आर्थिक जुर्माने का फरमा

निर्दोष छात्र पर थोप दिया गया तीन लाख का जुर्माना, लड़की खुद गई फिर भी बना दिया बलि का बकरा

थाने में रिपोर्ट और सामाजिक पंचायत में आर्थिक जुर्माने का फरमान

लड़की ने कहा- मैं अपनी मर्जी से गई, फिर भी युवक को बना दिया समाज का मुजरिम
फोटो -
बैतूल। जिले के एक आदिवासी छात्र की जिंदगी उस वक्त नरक बन गई जब एक युवती अपनी मर्जी से उसके साथ चली गई, लेकिन बाद में लड़की के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी और फिर गांव की तथाकथित सामाजिक पंचायत में युवक पर तीन लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया गया। वह भी तब, जब युवती ने खुद अपने पिता को फोन कर कहा था कि वह अपनी इच्छा से गई है और गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट न करें। यह पूरा मामला अब युवक के मानसिक और आर्थिक शोषण का जिंदा दस्तावेज बन चुका है। इस मामले में पीड़ित युवक ने आदिवासियों के हितों के लिए काम कर रही संस्था श्री मांझी सरकार के भारत प्रतिनिधि श्रवण परते को ज्ञापन देकर न्याय दिलाने की मांग की है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए श्रवण परते ने बताया कि मोहदा थाना क्षेत्र के ग्राम मालोर निवासी 22 वर्षीय संजू उर्फ प्रेमलाल मरकाम ने गदाखार निवासी शिवदास कवडे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संजू एक छात्र है, जो अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन आज उसकी हालत यह हो गई है कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गया है।
संजू ने माझी सरकार प्रतिनिधि को बताया कि 27 अप्रैल को युवती ने खुद उसे फोन कर बुलाया था। वह अपने बैग और कपड़ों के साथ बाहर निकल चुकी थी। संजू उसे गदाखार से लेकर आया, पेट्रोल भरवाया और रात में अपने घर मालोर में रुकाया। अगले दिन उसे बैतूल में कॉलेज का पेपर देना था, इसलिए वह युवती को मालोर में छोड़कर बैतूल चला गया।
युवक के अनुसार युवती ने स्वयं अपने पिता को फोन कर बताया कि वह संजू के घर मालोर में है, और अपनी मर्जी से गई है। यहां तक कि उसने यह भी कहा कि वह खुद घर ढूंढकर पहुंची है और गुमशुदगी की रिपोर्ट न करें। लेकिन इसके बावजूद उसके पिता शिवदास कवडे ने 2 मई को चिचोली थाने में संजू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
इसके बाद ग्राम गदाखार में पंचायत बुलाई गई, जहां समाज के लोगों ने बिना किसी कानूनी अधिकार के संजू पर तीन लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। बैठक में शामिल लोगों में ग्राम पटेल, सरपंच, जनपद सदस्य, पूर्व सरपंच, सरपंच महतपुर, और खुद शिवदास भी शामिल थे।
- गरीब छात्र से एक मुश्त मांगी जा रही रकम
जब संजू ने अपनी आर्थिक हालत रखते हुए मोहलत मांगी, तो कुछ ग्रामीणों ने मदद की कोशिश भी की। संजू ने सरपंच के पास 24000 और ग्राम पटेल के पास 35000 रुपए जमा किए। लेकिन फिर भी यह कहकर पैसे लौटा दिए गए कि पूरी रकम एकमुश्त चाहिए।
हर बार उसे धमकियां दी जा रही हैं कि अगर तीन लाख रुपए नहीं दिए तो उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी जाएगी।
संजू का कहना है कि वह एक गरीब आदिवासी छात्र है, जिसका सपना था पढ़ाई करके कुछ बनना, लेकिन अब उसकी जिंदगी झूठे आरोपों, दबाव और सामाजिक शोषण में उलझ गई है। उसने सैनिक संस्था बैतूल और प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसे न्याय दिलाया जाए, नहीं तो वह आत्महत्या कर लेगा। और अगर उसने ऐसा कदम उठाया, तो उसकी मौत का जिम्मेदार शिवदास और उसकी पंचायत होगी।

7
5 views