
"खुशी पाल अपहरण प्रकरण : बनारस की बेटी के साथ अन्याय, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल"
वाराणसी, 15 जून 2025
वाराणसी की 17 वर्षीय नाबालिग लड़की खुशी पाल, जो 12 अप्रैल 2024 से लापता है, आज तक बरामद नहीं हो सकी है। परिवार ने अपहरण की आशंका जताते हुए स्पष्ट रूप से FIR दर्ज कराई थी, मगर शिवपुर थाने ने इस गंभीर अपराध को मात्र 'गुमशुदगी' की रिपोर्ट में तब्दील कर दिया।
परिवार अत्यंत गरीब है — मजदूरी कर जीवन यापन करता है। न्याय की उम्मीद में परिजन पुलिस, प्रशासन और नेताओं के दरवाजे खटखटा चुके हैं, लेकिन हर जगह आश्वासन और उपेक्षा ही मिली।
सरकार के 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की असलियत इस घटना ने उजागर कर दी है — जहाँ गरीब की बेटी के अपहरण की सुनवाई तक नहीं हो रही है।
बनारस की जनता पूछती है:
1. क्या गरीब की बेटी को सुरक्षा का हक नहीं?
2. जब अपहरण को गुमशुदगी में बदल दिया जाता है तो अपराधियों का हौसला क्यों न बढ़े?
3. पुलिस की इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन है?
4. आखिर किसके दबाव में केस को कमजोर बनाया जा रहा है?
प्रशासन ने इस प्रकरण में कठोर कार्यवाही नहीं की जिससे समाज का सरकार और पुलिस पर से विश्वास उठ चुका है।
बेटी के दादा धनपत पाल का मोबाइल नंबर 9794095001
जारीकर्ता:
बनारस के सभी न्यायप्रिय नागरिक