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इस वर्ष जून में झुलसा देने वाली गर्मी, सामान्य से ज्यादा तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड

खीरी प्रयागराज
इस वर्ष जून के महीने ने लोगों को गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड याद दिला दिए हैं। महीने की शुरुआत से ही भीषण लू और तीखी धूप ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। तापमान लगातार 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा, जिससे सड़कें सूनी हो गईं और लोग जरूरी कामों को भी टालने लगे मौसम विभाग के अनुसार, इस बार जून में औसत तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री अधिक दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पारा 46 डिग्री के पार चला गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। दोपहर के समय घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया, वहीं गर्म हवा और उमस ने रातों की नींद भी छीन ली।भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है। शहरों और कस्बों में बिजली कटौती आम हो गई है। पंखे, कूलर और एसी का अत्यधिक उपयोग विद्युत आपूर्ति प्रणाली पर दबाव बना रहा है। कई इलाकों में दिन में कई-कई बार बिजली गुल हो रही है, जिससे गर्मी से जूझ रहे लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। विद्युत विभाग का कहना है कि आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मांग का स्तर अभूतपूर्व है।इस भीषण गर्मी का सबसे बड़ा असर किसानों और दैनिक श्रमिकों पर पड़ा है। खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है, जिससे कई क्षेत्रों में बुआई का कार्य प्रभावित हुआ। धूप और लू के कारण खुले में काम करने वालों को खासतौर पर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।हीटवेव के चलते अस्पतालों में लू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर न निकलने की चेतावनी जारी की है। सार्वजनिक स्थलों पर ठंडे पानी, छायादार स्थानों और प्याऊ की व्यवस्था बढ़ाई गई है।
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि यह गर्मी जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है और अगर यही रुझान बना रहा तो आने वाले वर्षों में गर्मी और अधिक खतरनाक हो सकती है। ऐसे में लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग होना होगा और व्यक्तिगत स्तर पर सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

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