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नियोजकों को बाल श्रमिक नहीं रखने की दिलायी गई शपथ।

बाल श्रमिक रखना दण्डनीय अपराध है।

विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर चलाया गया जनजागरूकता अभियान।



सहायक श्रमायुक्त कार्यालय इंदौर में 12 जून विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर जिला टास्क फोर्स कार्यशाला का आयोजन किया गया। तदुपरांत टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा मोती तबेला, राजवाडा एवं सराफा क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान चलाया गया एवं बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी गई।
जनजागरूकता अभियान में जानकारी दी गई कि अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत 14 वर्ष तक के बाल श्रमिक का खतरनाक एवं गैर खतरनाक सभी प्रकार के नियोजनों में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसी प्रकार अधिनियम की धारा 3 ए के अंतर्गत 14 से 18 वर्ष के कुमार श्रमिकों का खतरनाक उद्योगों में नियोजन प्रतिबंधित है। बाल श्रमिक पाये जाने पर 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना एवं 6 माह से 2 वर्ष तक के कारावास की सजा है।
अभियान अंतर्गत चयनित क्षेत्र के नियोजकों को शपथ दिलाई गई कि वह अपनी संस्थान में कभी भी बाल श्रमिक को नियोजित नही करेंगे एवं किसी संस्थान में बाल श्रमिक नियोजित पाए जाने पर चाईल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व पेंसिल पोर्टल pencil.gov.in पर शिकायत करेंगे। इस अभियान में श्रम विभाग से श्रम निरीक्षकगण श्री कुलदीप इंगले, सुश्री तृप्ति डावर, सुश्री सुचिता सिंह, श्री अविनाश रंगारे, श्री छोटेलाल साहू, महिला बाल विकास से श्री आशीष गोस्वामी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं संस्था आस इंदौर, जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन एक्सेस टू जस्टिस परियोजना से श्री राहुल गोठाने एवं टास्क फोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित थे

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