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योगी आदित्यनाथ जन्मोत्सव सप्ताह का भव्य समापन: "ऑपरेशन सिंदूर" पर संगोष्ठी आयोजित

गोरखपुर। विश्व हिंदू महासंघ, गोरखपुर द्वारा उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जन्मोत्सव सप्ताह का आयोजन 05 से 11 जून 2025 तक बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस सप्ताह का समापन दिवस 11 जून को जिला अध्यक्ष इं. राजेश्वरी प्रसाद विश्वकर्मा की अध्यक्षता में श्री विश्वकर्मा पंचायत मंदिर जटाशंकर गोरखपुर में "ऑपरेशन सिंदूर: हिंदू मातृशक्ति का गौरव" विषय पर एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिंदू संस्कृति, नारी शक्ति और ऑपरेशन सिंदूर की महत्ता पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती रोहिणी श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रहीं।
संगोष्ठी का शुभारंभ भगवान श्री विश्वकर्मा जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं मातृशक्ति प्रकोष्ठ की जिला उपाध्यक्ष श्रीमती शैलेश सिंह के गणेश वंदना, जिला अध्यक्ष श्रीमती दीपमाला शर्मा की राम वंदना एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री पुष्पलता सिंह की ईश वंदना से हुई।
मुख्य वक्ता गोरक्ष संभाग प्रभारी श्री दिग्विजय किशोर शाही ने अपने वक्तव्य में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हिंदू मातृशक्ति के सम्मान और उनकी अटूट शक्ति का प्रतीक है। यह अभियान न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है, बल्कि समाज में नारी के गौरव को भी स्थापित करता है। योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने हिंदू संस्कृति के संरक्षण और विकास में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। योगी आदित्यनाथ जी का यह जन्मोत्सव सप्ताह उनके प्रति हमारी कृतज्ञता और हिंदू समाज के प्रति उनके योगदान का उत्सव है।
गोरखपुर महानगर अध्यक्ष अधिवक्ता डॉ. गिरीश चंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा, "हिंदू मातृशक्ति हमारी संस्कृति की रीढ़ है। ऑपरेशन सिंदूर इस शक्ति को नई ऊर्जा प्रदान करता है। योगी आदित्यनाथ जी ने गोरखपुर को न केवल विकास का केंद्र बनाया, बल्कि इसे हिंदू संस्कृति के संरक्षण का गढ़ भी बनाया है। यह संगोष्ठी हमें उनके विजन को और अधिक दृढ़ता से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मातृशक्ति प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री पुष्पलता सिंह ने कहा, "रक्तदान महादान है, यह जीवन रक्षा का सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। भारतीय सेना के जवान दिन-रात हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं हिचकते। योगी आदित्यनाथ जी के 54वें जन्मदिन के अवसर पर हमने भारतीय सेना के जवानों के लिए 54 यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया, जो भारतीय सेना के जवानों के लिए समर्पित है। यह हमारी ओर से देश के वीर सैनिकों के प्रति समर्पण और योगी जी के प्रेरणादायक नेतृत्व को कृतज्ञता है।"
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष इं. राजेश्वरी प्रसाद विश्वकर्मा ने कहा, "योगी आदित्यनाथ जी का जीवन हिंदू समाज के लिए एक आदर्श है। आप मातृशक्ति सम्मान को और अधिक मजबूत कर रहे हैं। विश्व हिंदू महासंघ आपके दिशानिर्देशन में निरंतर कार्यरत रहेगा। यह सप्ताह हमारी एकता और संकल्प का प्रतीक है।
संगोष्ठी का कुशल संचालन जिला महामंत्री श्री श्याम बाबू शर्मा ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, योगी जी के जन्मोत्सव सप्ताह के दौरान विश्व हिंदू महासंघ गोरखपुर द्वारा रक्तदान, वृक्षारोपण, गौसेवा, संत सम्मान जैसे हिंदू संस्कृति के आयोजन किए। यह संगोष्ठी हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियों को रेखांकित करती है।
इस संगोष्ठी को मातृशक्ति प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष आशा शर्मा, लीला श्रीवास्तव, प्रदेश मंत्री सपना श्रीवास्तव, सदर तहसील उपाध्यक्ष डा. संतोष गुप्ता, अजय विश्वकर्मा, लक्ष्मी नारायण श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का समापन हिंदू मातृशक्ति के सम्मान और योगी आदित्यनाथ जी के दीर्घायु की कामना के साथ हुआ। विश्व हिंदू महासंघ ने इस आयोजन को हिंदू समाज की एकता और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
आज गोरक्ष संभाग प्रभारी श्री दिग्विजय किशोर शाही जी की उपस्थिति में मातृशक्ति प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती संतोष मिश्रा एवं महामंत्री श्रीमती रेखा श्रीवास्तवा के अनुमोदन से गोरखपुर की सुश्री पुष्पलता सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष (मातृशक्ति), सुश्री सपना श्रीवास्तव को प्रदेश मंत्री (मातृशक्ति), श्रीमती दीपमाला शर्मा को जिला अध्यक्ष (मातृशक्ति) के पद पर नियुक्त करके शपथ दिलाई गई।
संगोष्ठी में उपरोक्त के अतिरिक्त विश्व हिंदू महासंघ के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिसमें प्रमुख रूप से विद्योत्तमा सिंह, माया श्रीवास्तव, इंद्रकला साहनी, संगीता शाही, महेश जायसवाल, अजय शंकर त्रिपाठी, योगेन्द्र प्रताप नारायण गिरि, उदयचंद शर्मा, अशोक कुमार, उमेश चंद्र शर्मा, संतोष विश्वकर्मा, रामू शर्मा, विवेक कुमार, पं. रामप्रसन्न पांचाल उपस्थित रहे।

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