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आगरा के प्राचीन श्री कैलाश मंदिर कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य शुभारंभ मंदिर में ऐतिहासिक भूमि पूजन किया गया.

विजय शंकर सारस्वत
कैलाश कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य शुभारंभ: आगरा के प्राचीन श्री कैलाश मंदिर में ऐतिहासिक भूमि पूजन
आगरा की पावन धरती पर अवस्थित प्राचीन श्री कैलाश मंदिर, जो अपनी ऐतिहासिकता और पौराणिक महत्व के लिए विश्वविख्यात है, ने एक बार पुनः आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव का दर्शन कराया। यह मंदिर, जिसके दो शिवलिंगों की स्थापना महर्षि परशुराम और उनके पिता जमदग्नि महाराज द्वारा की गई थी, न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कैलाश पर्वत से लाए गए इन शिवलिंगों के कारण अद्वितीय पौराणिक महत्व भी रखता है। 10 जून 2025 को, इस पवित्र स्थल पर कैलाश कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य भूमि पूजन संपन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी, विश्वविख्यात कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज, मंत्रिमंडल के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी, और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस समारोह को ऐतिहासिक बना दिया। यह समाचार कैलाश मंदिर के द्वितीय चरण के विकास कार्यों, इसके सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व, सरकार की योजनाओं, और समारोह के सभी प्रमुख पहलुओं पर विस्तृत प्रकाश डालता है।
भूमि पूजन: भक्ति और भव्यता का संगम
आज प्रातः श्री कैलाश मंदिर परिसर में आयोजित भूमि पूजन समारोह में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक वैभव का अनुपम दृश्य देखने को मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी के सान्निध्य और अंतरराष्ट्रीय कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार, भक्ति भजनों, और यज्ञ की पवित्र धूम के बीच भूमि पूजन की प्रक्रिया ने उपस्थित श्रद्धालुओं के मन को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। मंदिर परिसर को फूलों, रंगोली, और पारंपरिक सजावट से अलंकृत किया गया, जिसने इस पवित्र स्थल की शोभा को और बढ़ाया।

श्री दिनेश जी का उद्बोधन: मंदिर का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि श्री कैलाश मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आगरा की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महर्षि परशुराम और उनके यशस्वी पिता जमदग्नि महाराज द्वारा स्थापित इस मंदिर में एक जलहरी में दो शिवलिंगों का होना विश्व में कहीं और नहीं देखा गया। “कैलाश पर्वत से लाए गए ये शिवलिंग अपने आप में अद्वितीय हैं। यह मंदिर आगरा की संस्कृति और धार्मिक मूल्यों की व्याख्या करता है।” उन्होंने कहा कि सरकार की कैलाश कॉरिडोर योजना मंदिर की गरिमा को और बढ़ाएगी, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आकर्षित होंगे।

अतुल कृष्ण जी महाराज का आध्यात्मिक संदेश: मानसरोवर की संकल्पना
विश्वविख्यात कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज ने अपने आत्मीय उद्बोधन में कैलाश मंदिर की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “विश्व में ‘कैलाश’ शब्द से युक्त कोई दूसरा मंदिर नहीं है। कैलाश पर्वत से लाए गए शिवलिंग अपने पौराणिक महत्व को परिभाषित करते हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि कॉरिडोर के साथ-साथ मंदिर परिसर में मानसरोवर की रचना की जाए। “यमुना यहाँ बह रही है, गंगाजल भी यमुना में समाहित हो रहा है। एक ओर कॉरिडोर और दूसरी ओर मानसरोवर की उपलब्धता से आगरा ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आए श्रद्धालु दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे।” अतुल जी ने उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित विभागों की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

महंत महेंद्र सुभाष गिरी जी का धन्यवाद
मंच पर विराजमान कैलाश मंदिर के महंत श्री महेंद्र सुभाष गिरी जी महाराज ने सभी अतिथियों, श्रद्धालुओं, और आयोजकों के प्रति हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बाबा कैलाश के आशीर्वाद और सामूहिक प्रयासों से यह कॉरिडोर आगरा की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। उनके शब्दों में भक्ति और समर्पण की भावना झलक रही थी।
प्रशासन की भूमिका: शैलेंद्र कुमार सिंह का संबोधन
आगार मंडल के आयुक्त श्री शैलेंद्र कुमार सिंह ने समारोह में शासन और प्रशासन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैलाश कॉरिडोर का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की प्राथमिकता है। “इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर में पाथवे, सोलर लाइट्स, यमुना दर्शन स्थल, स्टोन बेंच, और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग जोन जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी।” उन्होंने आश्वासन दिया कि यह कार्य गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा होगा, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो।

उद्योग और पर्यटन का संगम: पूरन डावर का वक्तव्य
समारोह की अध्यक्षता करते हुए चमड़ा एवं जूता उद्योग विकास परिषद, भारत सरकार के सभापति श्री पूरन डावर ने श्री कैलाश मंदिर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आगरा की यह पवित्र पौराणिक भूमि न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगी। यह कॉरिडोर आगरा के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।” उन्होंने सरकार और स्थानीय समुदाय के सहयोग की सराहना की।
राज्य सरकार की उपलब्धियाँ: बेबी रानी मौर्य का संबोधन
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने उद्बोधन में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और विकास में अग्रणी बन रहा है। कैलाश मंदिर कॉरिडोर इसका एक जीवंत उदाहरण है।” उन्होंने इस परियोजना को आगरा के गौरव का प्रतीक बताया और सभी से सहयोग की अपील की।

कैलाश कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य शुभारंभ: आगरा के प्राचीन श्री कैलाश मंदिर में ऐतिहासिक भूमि पूजन.

आगरा की पावन धरती पर अवस्थित प्राचीन श्री कैलाश मंदिर, जो अपनी ऐतिहासिकता और पौराणिक महत्व के लिए विश्वविख्यात है, ने एक बार पुनः आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव का दर्शन कराया। यह मंदिर, जिसके दो शिवलिंगों की स्थापना महर्षि परशुराम और उनके पिता जमदग्नि महाराज द्वारा की गई थी, न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कैलाश पर्वत से लाए गए इन शिवलिंगों के कारण अद्वितीय पौराणिक महत्व भी रखता है। 10 जून 2025 को, इस पवित्र स्थल पर कैलाश कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य भूमि पूजन संपन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी, विश्वविख्यात कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज, मंत्रिमंडल के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी, और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस समारोह को ऐतिहासिक बना दिया। यह समाचार कैलाश मंदिर के द्वितीय चरण के विकास कार्यों, इसके सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व, सरकार की योजनाओं, और समारोह के सभी प्रमुख पहलुओं पर विस्तृत प्रकाश डालता है।

भूमि पूजन: भक्ति और भव्यता का संगम
आज प्रातः श्री कैलाश मंदिर परिसर में आयोजित भूमि पूजन समारोह में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक वैभव का अनुपम दृश्य देखने को मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी के सान्निध्य और अंतरराष्ट्रीय कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार, भक्ति भजनों, और यज्ञ की पवित्र धूम के बीच भूमि पूजन की प्रक्रिया ने उपस्थित श्रद्धालुओं के मन को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। मंदिर परिसर को फूलों, रंगोली, और पारंपरिक सजावट से अलंकृत किया गया, जिसने इस पवित्र स्थल की शोभा को और बढ़ाया।

श्री दिनेश जी का उद्बोधन: मंदिर का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि श्री कैलाश मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आगरा की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महर्षि परशुराम और उनके यशस्वी पिता जमदग्नि महाराज द्वारा स्थापित इस मंदिर में एक जलहरी में दो शिवलिंगों का होना विश्व में कहीं और नहीं देखा गया। “कैलाश पर्वत से लाए गए ये शिवलिंग अपने आप में अद्वितीय हैं। यह मंदिर आगरा की संस्कृति और धार्मिक मूल्यों की व्याख्या करता है।” उन्होंने कहा कि सरकार की कैलाश कॉरिडोर योजना मंदिर की गरिमा को और बढ़ाएगी, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आकर्षित होंगे।

अतुल कृष्ण जी महाराज का आध्यात्मिक संदेश: मानसरोवर की संकल्पना
विश्वविख्यात कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज ने अपने आत्मीय उद्बोधन में कैलाश मंदिर की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “विश्व में ‘कैलाश’ शब्द से युक्त कोई दूसरा मंदिर नहीं है। कैलाश पर्वत से लाए गए शिवलिंग अपने पौराणिक महत्व को परिभाषित करते हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि कॉरिडोर के साथ-साथ मंदिर परिसर में मानसरोवर की रचना की जाए। “यमुना यहाँ बह रही है, गंगाजल भी यमुना में समाहित हो रहा है। एक ओर कॉरिडोर और दूसरी ओर मानसरोवर की उपलब्धता से आगरा ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आए श्रद्धालु दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे।” अतुल जी ने उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित विभागों की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

महंत महेंद्र सुभाष गिरी जी का धन्यवाद
मंच पर विराजमान कैलाश मंदिर के महंत श्री महेंद्र सुभाष गिरी जी महाराज ने सभी अतिथियों, श्रद्धालुओं, और आयोजकों के प्रति हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बाबा कैलाश के आशीर्वाद और सामूहिक प्रयासों से यह कॉरिडोर आगरा की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। उनके शब्दों में भक्ति और समर्पण की भावना झलक रही थी।

प्रशासन की भूमिका: शैलेंद्र कुमार सिंह का संबोधन
आगार मंडल के आयुक्त श्री शैलेंद्र कुमार सिंह ने समारोह में शासन और प्रशासन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैलाश कॉरिडोर का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की प्राथमिकता है। “इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर में पाथवे, सोलर लाइट्स, यमुना दर्शन स्थल, स्टोन बेंच, और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग जोन जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी।” उन्होंने आश्वासन दिया कि यह कार्य गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा होगा, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो।

उद्योग और पर्यटन का संगम: पूरन डावर का वक्तव्य
समारोह की अध्यक्षता करते हुए चमड़ा एवं जूता उद्योग विकास परिषद, भारत सरकार के सभापति श्री पूरन डावर ने श्री कैलाश मंदिर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आगरा की यह पवित्र पौराणिक भूमि न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगी। यह कॉरिडोर आगरा के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।” उन्होंने सरकार और स्थानीय समुदाय के सहयोग की सराहना की।

राज्य सरकार की उपलब्धियाँ: बेबी रानी मौर्य का संबोधन
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने उद्बोधन में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण और विकास में अग्रणी बन रहा है। कैलाश मंदिर कॉरिडोर इसका एक जीवंत उदाहरण है।” उन्होंने इस परियोजना को आगरा के गौरव का प्रतीक बताया और सभी से सहयोग की अपील की।

स्थानीय नेतृत्व की प्रतिबद्धता: विजय शिवहरे का संकल्प
लोकप्रिय विधायक श्री विजय शिवहरे ने अपने संबोधन में कॉरिडोर निर्माण में आई चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “कैलाश मंदिर का यह कॉरिडोर आगरा के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। बाबा कैलाश के आशीर्वाद और महंत निर्मल गिरी जी महाराज के अथक प्रयासों से यह परियोजना आज इस मुकाम तक पहुँची है।” उन्होंने कठिनाइयों को पार करने में स्थानीय समुदाय और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की सराहना की।

कार्यक्रम में मौजूद रहीं हस्तियां

संचालन श्री अशोक कुलश्रेष्ठ जी और श्री केशव जी ने संयुक्त रूप से किया। प्रमुख समाजसेवी श्री संतोष शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में सभी मंचासीन अतिथियों को माल्यार्पण और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उपस्थित जनों में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदोरिया, महापौर श्रीमती हेमलता दिवाकर, श्री विनीत शर्मा, श्री केशव गोस्वामी, महंत दिलीप गोस्वामी, गौरव गोस्वामी, अभिषेक गोस्वामी, राजकुमार गोस्वामी, संजीव चौबे, विपिन गोस्वामी, पूर्व प्रधान सोमेश गिरी, प्रधान भारत गिरी, पंकज पाठक, और स्थानीय निवासी गण शामिल थे।

कैलाश मंदिर का इतिहास: पौराणिक और आध्यात्मिक वैभव
श्री कैलाश मंदिर का इतिहास पाँच हजार वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है। मान्यता है कि महर्षि परशुराम और उनके पिता जमदग्नि महाराज ने कैलाश पर्वत से लाए गए दो शिवलिंगों को इस स्थान पर स्थापित किया। कथानक के अनुसार, जब दोनों ने शिवलिंग को पुनः उठाने का प्रयास किया, तब आकाशवाणी हुई कि ये शिवलिंग अचलेश्वर हैं और एक बार स्थापित होने के बाद यहीं विराजमान रहेंगे। तब से यह स्थान कैलाशधाम के नाम से प्रसिद्ध हुआ। समय के साथ शिवलिंगों पर मिट्टी की परत जम गई, लेकिन खुदाई के दौरान दो शिवलिंग और एक ताम्रपत्र प्राप्त हुआ, जिसमें महर्षि परशुराम द्वारा लिखित इसका इतिहास उल्लेखित था। इसके बाद मंदिर का निर्माण हुआ, जो आज भी आगरा के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है।संपादकीय: आगरा की आध्यात्मिक धरोहर का संरक्षण
श्री कैलाश मंदिर कॉरिडोर के द्वितीय चरण का भव्य भूमि पूजन न केवल एक निर्माण कार्य का शुभारंभ है, बल्कि यह आगरा की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को विश्व पटल पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री दिनेश जी, विश्वविख्यात कथाकार श्री अतुल कृष्ण जी महाराज, कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, विधायक श्री विजय शिवहरे, आगरा मंडल आयुक्त श्री शैलेंद्र कुमार सिंह, चमड़ा एवं जूता उद्योग विकास परिषद के सभापति श्री पूरन डावर, और महंत श्री महेंद्र सुभाष गिरी जी महाराज की उपस्थिति ने इसे ऐतिहासिक बना दिया।

यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की उस दूरदृष्टि को दर्शाती है, जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ-साथ आध्यात्मिक मूल्यों को संरक्षित करने पर बल देती है।

कैलाश मंदिर, जो अपनी पौराणिकता और अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है, अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य कॉरिडोर के साथ और अधिक आकर्षक बनेगा। यह न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।

सरकार, प्रशासन, और स्थानीय समुदाय के इस सामूहिक प्रयास से आगरा की यह पवित्र भूमि निश्चित रूप से वैश्विक धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।

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