
हादसों से बचने के लिए फैक्ट्रियों की नियमित जांच की मांग
हादसों से बचने के लिए फैक्ट्रियों की नियमित जांच की मांग
रिपोर्टर
भगवानदास शाह
जिला बुरहानपुर मध्यप्रदेश ✍️
बुरहानपुर । शहर के उद्योग नगर स्थित बीटी कॉटन फैक्ट्री से उठी भयानक आग के मंजर को देखकर अब प्रशासनिक अधिकारियों को अपने ऐसी केबिनों से निकलकर नियमित रूप से जिले की समस्त फैक्ट्रियों के बॉयलर, अग्निशमन यंत्रों इत्यादि की जांच परख प्रारंभ कर देना चाहिए ऐसा कहना है मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे बुरहानपुर मज़दूर यूनियन अध्यक्ष ठाकुर प्रियांक सिंह का।
ठाकुर ने आगे कहा जिले का प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है अनेकों बार कारखानों फैक्ट्रियों के उपकरणों, मज़दूरों के सुरक्षा उपकरणों इत्यादि की नियमित जांच संबंधी आवेदन देने के पश्चात भी आज तक किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई।
प्रशासन पर सवालिया निशान लगाते हुए ठाकुर ने बताया भारतीय बॉयलर विनियमन 1950 या विशिष्ट उत्पादों के लिए केंद्रीय बॉयलर बोर्ड का अनुमोदित कोड द्वारा आवश्यक परीक्षण, एक्सपायरी डेट जांच, निर्माण पर्यवेक्षण और गुणवत्ता निरीक्षण नियमित रूप से होना चाहिए परंतु जिले की समस्त फैक्ट्रियों में नियम कायदों की अनदेखी कर मजदूरों की जान माल से खेला जा रहा है। क्या प्रशासन हर बार किसी हादसे अथवा अप्रिय घटना के इंतज़ार में बैठा रहता है? किसी भी फैक्ट्री को संचालित करने हेतु सरकारी नियम कायदे तो अनेक है परंतु उनका पालन हो रहा है या नहीं यह सबसे बड़ा सवाल है।
आवेदन देते समय भीम सेना अध्यक्ष सचिन गाढे, शुभम वारुडे, किरण वाणे, मोनू श्रीखंडे, संदीप यादव, आदि बुरहानपुर मज़दूर यूनियन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कारखाना संचालक के कुछ नियम व तथ्य-
बॉयलर संबंधित फैक्ट्रियों में भारतीय बॉयलर विनियमन 1950 का पालन अनिवार्य होता है।
मशीनों, पाइपों का निरीक्षण, परीक्षण और प्रमाणन अनिवार्य है।
फिटिंग, वाल्व, इत्यादि की डिजाइन समीक्षा और अनुमोदन आवश्यक है।
सामग्रियों का निरीक्षण, परीक्षण और प्रमाणन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
अग्निशमन यंत्रों का परीक्षण/एक्सपायरी डेट के परीक्षण की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की रहती है।