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सिद्धार्थनगर में भीषण गर्मी का कहर: बिजली संकट ने बढ़ाई परेशानी, ग्रामीण बोले – नगरा फीडर के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते।

सिद्धार्थनगर में भीषण गर्मी का कहर: बिजली संकट ने बढ़ाई परेशानी, ग्रामीण बोले – नगरा फीडर के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते।

सिद्धार्थनगर, 9 जून 2025:
जून की तपती दोपहरी और लू के थपेड़ों ने सिद्धार्थनगर जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तापमान लगातार 42-43 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इस भयंकर गर्मी से राहत तो दूर, घरों के अंदर भी हालात बदतर होते जा रहे हैं। पंखे और कूलर भी तभी चलें जब बिजली हो, लेकिन बिजली तो जैसे क्षेत्र से रूठ गई है।

बिजली कटौती ने बढ़ाई मुश्किलें
बीते कुछ दिनों से आंधी-तूफान के कारण विद्युत आपूर्ति में लगातार बाधा आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कभी आधी रात को जाती है तो कभी दिन के सबसे गर्म हिस्से में। कई बार 6–8 घंटे तक बिजली गायब रहती है, जिससे गर्मी से बेहाल लोग रातभर जागने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों का आक्रोश: नगरा फीडर पर सवाल
सबसे बड़ी नाराजगी नगरा फीडर से जुड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी बिजली बाधित होती है, और वे मदद के लिए फीडर के अधिकारियों या संबंधित विभाग को कॉल करते हैं, तो उनका फोन ही नहीं उठाया जाता। लोगों का आरोप है कि "फीडर से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आते हैं, बात करने पर टाल-मटोल करते हैं या मोबाइल ही स्विच ऑफ कर देते हैं।"

ग्रामीणों की पीड़ा:
“आख़िर हम उपभोक्ता करें तो क्या करें? एक ओर भीषण गर्मी, दूसरी ओर बिजली नहीं और ऊपर से कोई सुनवाई नहीं – ऐसे में आम आदमी जाए तो जाए कहाँ?”प्रशासन की चुप्पी
अब तक स्थानीय प्रशासन या बिजली विभाग की ओर से इस समस्या का कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। हालांकि कुछ अधिकारियों ने मरम्मत कार्यों का हवाला दिया है, लेकिन उपभोक्ताओं का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
राहत की आस?
मौसम विभाग के अनुसार, 12 जून के बाद वर्षा और आंधी की संभावनाएं हैं, जिससे गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन बिजली व्यवस्था ठीक न हुई, तो बारिश में और भी खराब हालात हो सकते हैं।


समाचार निष्कर्ष:
सिद्धार्थनगर में भीषण गर्मी और बदहाल बिजली व्यवस्था ने आमजन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ग्रामीणों की मांग है कि नगरा फीडर के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो और उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय से समाधान किया जाए।

(रिपोर्ट: अनिल सिंह, ग्रामीण संवाददाता – सिद्धार्थनगर)
समस्या आपकी है, आवाज़ हमारी।

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