logo

ईसानगर में वर्षों से जमे अधिकारियों पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार को मिल रहा संरक्षण?

ईसानगर (खीरी)। विकासखंड ईसानगर में ग्राम विकास अधिकारियों की वर्षों से एक ही स्थान पर तैनाती ने स्थानांतरण नीति की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारियों की वर्षों पुरानी पोस्टिंग न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि भ्रष्टाचार को भी खुला निमंत्रण दे रही है।

2018 से अब तक कई अधिकारी एक ही जगह तैनात
ग्राम विकास अधिकारी सुनील मौर्या, शशि, अभिषेक, सुरेंद्र, प्रभात कुमार सहित कई अधिकारियों की नियुक्ति ईसानगर विकासखंड में वर्ष 2018 से अब तक बरकरार है। इससे प्रशासनिक प्रणाली की निष्क्रियता उजागर होती है।

स्थानीय कर्मचारियों के गंभीर आरोप
कई स्थानीय कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन अधिकारियों की 'ऊपर तक सेटिंग' है, उन्हें स्थानांतरण से "विशेष छूट" मिलती है। यही नहीं, ऐसे अधिकारियों को विकासखंड की बड़ी ग्राम पंचायतों का कार्यभार सौंप दिया जाता है, जिससे उन्हें 'मुनाफे' के अधिक अवसर मिलते हैं।

फिर लौट आए पुराने सचिव
जानकारी के अनुसार, कुछ सचिवों का पूर्व में स्थानांतरण हुआ था, लेकिन वे पुनः ईसानगर में अपनी पोस्टिंग करवाने में सफल रहे। कर्मचारियों का कहना है, “यहाँ जितना फायदा है, उतना किसी और ब्लॉक में नहीं मिलता। इसलिए अधिकारी हटने को तैयार ही नहीं होते।”

हर साल शिकायतें, फिर भी कार्यवाही शून्य
पिछले वर्ष की स्थानांतरण प्रक्रिया में भी अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन किसी पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस बार की स्थानांतरण प्रक्रिया निष्पक्ष होगी, या फिर सिफारिश और चढ़ावे की भेंट चढ़ जाएगी?

अब निगाहें शासन और जिला प्रशासन पर
यह देखना अहम होगा कि क्या शासन और जिला प्रशासन इस बार वर्षों से जमे अधिकारियों पर कार्रवाई कर ईमानदार स्थानांतरण प्रक्रिया को सुनिश्चित कर पाएगा, या फिर भ्रष्टाचार को फिर एक बार परोक्ष समर्थन मिल जाएगा?

37
2033 views