
6 जून 1981: बागमती नदी में समा गई पूरी ट्रेन, देश के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक
स्थान: सहरसा-मानसी रेलखंड, बिहार
तारीख: 6 जून 2025 (ब्लैक डे की 44वीं बरसी)
भारतीय रेलवे के इतिहास में 6 जून 1981 एक ऐसा दिन है, जिसे 'ब्लैक डे' के रूप में याद किया जाता है। इस दिन सहरसा-मानसी रेलखंड के बीच स्थित धमारा और बदला घाट स्टेशनों के बीच 416 डाउन समस्तीपुर-सहरसा-बनमनखी पैसेंजर ट्रेन की एक पूरी बोगी बागमती नदी में गिर गई थी।
यह दुर्घटना इतनी भयावह और त्रासदपूर्ण थी कि 1000 से अधिक लोगों की मृत्यु होने का अनुमान लगाया गया था। जलप्रलय और तेज बहाव के कारण राहत एवं बचाव कार्य भी अत्यंत कठिन साबित हुआ।
कैसे हुआ हादसा
बताया जाता है कि जब ट्रेन बागमती नदी के पुल पर पहुंची, तभी भारी बारिश और तकनीकी कारणों से एक बोगी अचानक पटरी से उतरकर सीधे नदी में गिर गई। बोगी में बैठे अधिकांश यात्री तेज बहाव में बह गए और सैकड़ों की मौत मौके पर ही हो गई।
हादसे के बाद की स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। तत्कालीन रेल मंत्री केदारनाथ पांडेय ने स्वयं हेलीकॉप्टर से हवाई निरीक्षण किया। सेना और एनडीआरएफ की मदद से राहत कार्य शुरू हुआ, लेकिन बाढ़ और खराब मौसम ने बचाव कार्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
स्मृति और पीड़ा आज भी ताजा
आज भी यह हादसा लोगों की स्मृति में जिंदा है। स्थानीय निवासी कहते हैं कि "हमने कभी इतने शव एक साथ नहीं देखे थे। वो दिन एक खौफनाक सपना बनकर रह गया है।"
मौजूदा पीढ़ी को संदेश
आज इस हादसे की 44वीं बरसी पर, यह घटना रेल सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन की याद दिलाती है। यह बताती है कि यात्रियों की सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।
चित्र स्रोत: ANKIT ANAND द्वारा एकत्रित तस्वीरें