
उदयपुर राजस्थान गोगुंदा छेत्र से 25 किलोमीटर स्तिथ पाटन नगरी कमोल सायरा हनुमान जी मन्दिर द्वारा भव्य मुर्तियां निर्माण महाराणा प्रताप जी राणा पुंजा भील शेर की प्रतिमा बनाई गई
*गोगुंदा में हनुमान जी मंदिर में महाराणा प्रताप और राणा पूंजा भील की भव्य प्रतिमाएं स्थापित*
उदयपुर, राजस्थान - गोगुंदा से 25 किलोमीटर दूर कमोल में स्थित हनुमान जी मंदिर में महाराणा प्रताप और राणा पूंजा भील की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं का निर्माण बालाजी मंदिर द्वारा महाराज रोड दास जी के निर्देशन में किया गया है।
*प्रतिमाओं का महत्व*
महाराणा प्रताप और राणा पूंजा भील की प्रतिमाएं मेवाड़ के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। महाराणा प्रताप एक महान राजपूत राजा थे जिन्होंने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, जबकि राणा पूंजा भील एक वीर भील योद्धा थे जिन्होंने महाराणा प्रताप की सेना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
*प्रतिमा निर्माण*
प्रतिमाओं का निर्माण कुशल कारिगर शंकर जी सुथरा द्वारा किया गया है। प्रतिमाएं बहुत ही भव्य और आकर्षक हैं और मंदिर के परिसर में स्थापित की गई हैं।
*मंदिर का महत्व*
हनुमान मंदिर कमोल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। मंदिर में स्थापित प्रतिमाएं श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र हैं।
*स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया*
स्थानीय समुदाय ने प्रतिमाओं के निर्माण और स्थापना पर खुशी जताई है। लोगों का कहना है कि यह प्रतिमाएं मेवाड़ के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण विरासत होंगी।
*निष्कर्ष*
महाराणा प्रताप और राणा पूंजा भील की भव्य प्रतिमाएं हनुमान मंदिर कमोल में स्थापित की गई हैं। यह प्रतिमाएं मेवाड़ के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र हैं।
तीन भव्य मुर्तियां मेवाड़ राजा महा राणा प्रताप सिंह जी चेतक घोड़े पर चवार साथ ही मेवाड़ के राणा पुंजा भील पास में शेर की प्रतिमा स्थापित निर्माण कार्य शंकर जी सुथार व अन्य कारिगरो द्वारा कार्य मन्दिर किया जा रहा है मन्दिर पाटन नगरी कमोल से प्रख्यात है पुजारी महाराज रोडा दास जी व अन्य भक्तों ने बताया कि महाराणा प्रताप जी मेवाड़ के राजा थे राणा पूंजा भील ने ओर उसकी सेना ने बहुत साथ दिया मेवाड़ पुरे देश का नाम रोशन किया शेर कि प्रतिमा के लिए बोले वो जंगल के राजा है दोनो राणा पुंजा ओर महा राणा प्रताप एक शेर के बराबर थे