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शायरी (Shayeri) "याकिन"

हमको पता है इस कलयुग में अमृत नहीं है। लेकिन हमको हैं उन पर याकिन कुछ इस कदर, अगर वो जहर भी दे दे अमृत बोलकर तो हम पी लेते हैं। और एक वो हैं, के उनको हमसे ज्यादा हर किसी पर यकीन है, अगर हम उनको पानी भी दे दे तो वो दूसरे से पूछ कर पीते हैं
--असलम बाशा (A. B.)

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