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सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, धर्म में आस्था रखना और प्रचार-प्रसार करना धर्मांतरण नहीं, क्रिश्चियन समुदाय को मिली राहत।

दिल्ली -भारत की सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है किसी भी धर्म में आस्था रखना और उसका प्रचार-प्रसार करना धर्मांतरण नहीं है।दिनांक 06 मई 2025 के उपरोक्त फैसले में साफ तौर पर संविधान में अनुच्छेद 25 को महत्व देते हुए दिया गया है, जो धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को अब अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने से रोकना गैर-कानूनी होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि धर्म परिवर्तन करने से किसी की जाति नहीं बदलती। इस फैसले से क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब वे बेझिझक अपने धर्म का प्रचार कर सकते हैं। यह फैसला धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

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