मुंबई का धारावी: एक शहर के दो चेहरे
मुंबई का धारावी एक शहर दो दुनिया। एक तरफ अरबपति तो दूसरी ओर एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी! दुनिया का सबसे बड़ा अमीरी गरीब का फर्क यही दिखता है।
🔹 एक तरफ:
दुनिया की सबसे महंगी रियल एस्टेट में शामिल इलाकों — जैसे वर्ली, बांद्रा, मरीन ड्राइव।
अरबपति उद्योगपति, ऐक्टर, बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस, लग्ज़री गाड़ियाँ और ऊँची-ऊँची इमारतें।
🔹 दूसरी तरफ:
धारावी — एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी, करीब 2.1 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई, जिसमें लगभग 7 से 10 लाख लोग रहते हैं।
तंग गलियाँ, पानी और स्वच्छता की समस्याएं, सीमित संसाधन, मगर साथ ही अद्भुत जीवटता।
धारावी: सिर्फ गरीबी नहीं, आत्मनिर्भरता भी
धारावी केवल झोपड़पट्टी नहीं है — यह एक माइक्रो-इकोनॉमी है:
चमड़ा, मिट्टी के बर्तन, कपड़े, प्लास्टिक रीसायक्लिंग आदि के हजारों छोटे उद्योग।
सालाना लगभग 1 अरब डॉलर (8,000 करोड़ रुपये) का व्यापार।
अमीरी-गरीबी की खाई
मुंबई में एक ही सड़क के दोनों ओर:
एक ओर बहुमंज़िला टॉवर (जैसे अंबानी का एंटीलिया),
दूसरी ओर झुग्गियों की बस्तियाँ — यह विकास और विसंगति दोनों की प्रतीक है।