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कविता के शब्दों में बस्तर की आत्मा — युवा कवि सुमित मिश्रा सम्मानित "दंतेवाड़ा" कविता पर मिला सम्मान, सांसद महेश कश्यप ने किया सम्मानित


बस्तर की धरती एक बार फिर साहित्यिक गौरव से आलोकित हुई है। किरंदुल निवासी युवा कवि सुमित मिश्रा को उनकी प्रभावशाली कविता "दंतेवाड़ा" के लिए हाल ही में आयोजित एक साहित्यिक समारोह में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें बस्तर सांसद महेश कश्यप द्वारा प्रदान किया गया।

"दंतेवाड़ा" कविता ने स्थानीय जनजीवन, संघर्ष, सांस्कृतिक विरासत और जमीनी हकीकत को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया है। कविता में जहाँ बस्तर की पीड़ा झलकती है, वहीं उसकी गरिमा और जीवटता भी उभरकर सामने आती है।

सांसद बोले — “बस्तर की आवाज़ को मिला नया मंच”
इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप ने कहा,

“बस्तर के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। सुमित मिश्रा जैसे रचनाकारों ने यह साबित कर दिया है कि हमारे क्षेत्र की संस्कृति और संवेदना अब साहित्य के माध्यम से देश-दुनिया तक पहुँच रही है।”

कवि सुमित मिश्रा ने कहा — “यह सम्मान बस्तर की माटी को समर्पित”
सम्मान प्राप्ति के बाद कवि सुमित मिश्रा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा,

“‘दंतेवाड़ा’ कविता मेरी आत्मा की पुकार है। यह सम्मान मेरी नहीं, बल्कि बस्तर की संस्कृति, लोगों और उस संघर्ष की है जिसे हमने जिया है। मैं इस सम्मान को पूरे बस्तर को समर्पित करता हूँ।”

इस सम्मान की सूचना मिलते ही साहित्यिक जगत और स्थानीय युवाओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। नगर के गणमान्य नागरिकों ने सुमित मिश्रा को बधाइयाँ दीं और भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की कामना की।

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