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सैफनी दशहरा पर्व पर रामगंगा में स्नान हेतू श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

रामपुर /सैफनी। रामगंगा नदी पर ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर गंगा दशहरा पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया रामगंगा घाट पर भोर काल से ही आस पास व दूर दराज से आय श्रद्धालुओं का ट्रेक्टर ट्राली, ई रिक्शा, बाईक,चार पहिया वाहनों द्वारा आवागमन बना रहा गंगा दशहरा पर्व के दौरान श्रद्धालुओं ने रामगंगा घाट पर स्नान आदि कर माँ गंगा की पूजा अर्चना की ओर दान पुण्य आदि कर धर्म लाभ कमाया तथा गंगा पर लगे मेले में चाट पकौड़ी, बच्चो के खेल खिलौने,प्रसाद आदि की दुकानों पर खरीददारो की भारी संख्या में भीड़ भाड़ देखने को मिली वही लोगों ने जगह जगह शरबत आदि का भी वितरण किया कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन माता गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था इसी दिन भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर स्वर्ग से धरती पर उतरी थी ताकि राजा सगर के पुत्रों को मुक्ति मिल सके पौराणिक कथा के अनुसार राजा सगर ने अश्वमेघ यज्ञ किया था लेकिन उनका यज्ञ घोड़ा गायब हो गया जब उनके 60हजार पुत्र घोड़े की खोज में निकले तो उन्हें वह घोड़ा कपिल मुनि के आश्रम में मिला उन्होंने सोचा कि मुनि ने ही घोड़ा चुराया है बे क्रोधित होकर मुनि के आश्रम को नुकसान पहुंचाने लगे इससे नाराज होकर मुनि ने उनहे श्राप दे दिया और सभी पुत्र भस्म हो गए तब पुत्रों की मुक्ति के लिए राजा सगर के वंशज भागीरथ ने कठोर तपस्या की उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा ने धरती पर गंगा को भेजने का वचन दिया लेकिन गंगा की तेज धारा से धरती को नुकसान होने की आशंका थी तब भागीरथ ने भगवान शिव की आराधना की शिवजी ने गंगा को अपनी जटाओं में समेटा और फिर धीरे धीरे धरती पर प्रवाहित किया तब जाकर सगर के पुत्रों की आत्मा को मोक्ष मिला और तभी से इस दिन को दशहरा पर्व के रूप में मनाया जाता है इस दिन गंगा स्नान,दान ओर व्रत का बहुत महत्व होता है इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते है इसलिए इसे दशहरा कहते है वहीं रामगंगा मेले में थाना प्रभारी हम्वीर सिंह जादौन ने अपनी पुलिस बल के साथ अलर्ट दिखे

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