
Anuppur News: चार वर्षों में आधा सैकड़ा से अधिक मामले जाति प्रमाण पत्र के अभाव में कार्रवाई के लिए लंबित
अनूपपुर जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से व्यक्तियों से संबंधित आपराधिक मामले की सुनवाई जाति प्रमाण पत्र के अभाव में बीते चार वर्षों से लंबित हैं। इन मामलों में अपराध तो एसटी-एससी एक्ट के अंतर्गत दर्ज कर लिया गया है, लेकिन आज तक इन पर जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सके हैं। पुलिस भी फरियादियों से बार-बार इसकी मांग कर चुकी है
यह सभी मामले ऐसे हैं जिनमें फरियादी जो कि अनूपपुर में रहते तो हैं, लेकिन पुश्तैनी रूप से वह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों के रहने वाले हैं, जिसके कारण उनकी जाति से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड जिले में उपलब्ध नहीं है। साथ ही कुछ ऐसे भी मामले हैं जिनमें अनूपपुर जिले में उस जाति के लोग यहां अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग में नहीं आते हैं, जिसके कारण ऐसे सभी प्रकरण की सुनवाई इससे प्रभावित हो रही है।
यह है एसटी-एससी से संबंधित लंबित अपराध की स्थिति
बीते 4 वर्षों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों से किए गए 53 अपराधिक मामले जाति प्रमाण पत्र के अभाव में सुनवाई के लिए लंबित हैं। इनमें वर्ष 2022 में 22, वर्ष 2023 में 6, वर्ष 2024 में 14 एवं 2025 में 11 मामले इसके अंतर्गत अपराध दर्ज होने के बाद सुनवाई के लिए अटके हुए हैं। जाति प्रमाण पत्र न होने की वजह से यह मामले अभी तक विवेचना स्तर पर अटके हुए हैं और इन्हें अभी तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सका है।
समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक भी दे चुके हैं निर्देश
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान भी एससी, एसटी एक्ट के लम्बित मामलों की समीक्षा के दौरान थाना प्रभारी, और संबंधित एसडीओपी को जाति प्रमाण पत्र के अभाव में लम्बित अपराधों के संबंध में लोक सेवा गारण्टी के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र के आवेदन कराते हुए अपराध का त्वरित निराकरण करने के निर्देश बीते दिनों दे चुके हैं।