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महेश नवमी एक महत्वपूर्ण हिंदु त्यौहार माहेश्वरी समाज का सबसे खास दिन

महेश नवमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना को समर्पित है। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 4 जून को है।

*महेश नवमी का महत्व*

- यह दिन भगवान शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है।
- महेश नवमी पर व्रत और शिव-पार्वती पूजन करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और संतुलन बना रहता है।
- इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और पितृ दोष और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।

*महेश नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त*

- 4 जून को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक पूजा करना बहुत ही शुभ रहेगा.

*महेश नवमी के दिन क्या करें और क्या नहीं*

- *क्या करें:*
- ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना उत्तम होता है।
- शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना शुभ फल देता है।
- गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें।
- *क्या न करें:*
- लहसुन-प्याज और मांसाहार से परहेज करें।
- झूठ बोलने और बुरा सोचने से बचें।
- शिव पूजा में तुलसी का उपयोग न करें ¹।

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