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अहिल्याबाई होलकर जयंती और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की धारणा ।

दिनांक: 03 जून, 2025 स्थान:भारत
पिछले 31 मई को भारत में अहिल्याबाई होलकर जयंती मनाई गई, जिसमें इस महान शासक और समाज सुधारक को सम्मानित किया गया। अहिल्याबाई होलकर, जो 18वीं शताब्दी में मालवा साम्राज्य की रानी थीं, ने अपने शासनकाल में प्रशासनिक कुशलता, सामाजिक सुधार, और मंदिरों के पुनर्निर्माण जैसे कार्यों के लिए ख्याति प्राप्त की। हालांकि, हाल के वर्षों में उन्हें 'हिंदुत्व बचाने की प्रतिमूर्ति' के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि ऐतिहासिक संदर्भ में 'हिंदू' शब्द उनके जीवनकाल में प्रचलित नहीं था।
हमारा मानना है कि ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को मूर्तियों और प्रतीकों में बदलने की प्रवृत्ति उनके वास्तविक योगदान, संवेदनशीलता, मानवीय मूल्यों, और मानवता के संदेश को दरकिनार कर देती है। अहिल्याबाई होलकर ने अपने शासन में न्याय, समानता, और कल्याणकारी कार्यों को प्राथमिकता दी, जिसमें गरीबों की सहायता, शिक्षा का प्रसार, और सामाजिक उत्थान शामिल था। उनकी विरासत को केवल धार्मिक या प्रतीकात्मक दायरे तक सीमित करना उनके व्यापक योगदान को कम करता है।
हम समाज से अपील करते हैं कि महापुरुषों और महान महिलाओं के जीवन को समग्र दृष्टिकोण से देखा जाए। उनकी मूर्ति पूजा या प्रतीकात्मक छवि बनाने के बजाय, हमें उनके मूल्यों—जैसे करुणा, न्याय, और मानवता—को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। अहिल्याबाई होलकर जैसी शख्सियतों की सच्ची श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर, एक समावेशी और प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है।

दीपक कुमार पाल
संस्थापक
राजमाता अहिल्याबाई होलकर
नवयुग पाल सेवा समिति
वाराणसी

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