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Kota..आपको पता है क्या चाय कभी एक चरित्र होता है

आपको जान के यह हैरानी होगी कि चाय का भी एक चरित्र होता है क्योंकि चाय दो प्रकार की होती है चरित्रहीन चरित्रवान अब आप सोच रहे होंगे कि यह दो तरह की चाय कैसे होती है किसी के घर जाकर आप पियोगे चाय तो वह वही प्याले में मिलेगी जो बार-बार धूल के किसी ना किसी के पास आई है तो वह चाय आपको चरित्रहीन बनती है चरित्रवान वह चाय कहलाती है जो एक बार किसी मिट्टी के प्याले में आकर दोबारा उसका उपयोग नहीं हो सकता है तो हमेशा किसी भी कार्य को करो तो ऐसा करो कि वह कार्य दोबारा कोई ऐसा ना कर सके जो किसी के भलाई के लिए हो यह बात हमेशा याद रखना की समय बाद बलवान होता है मनुष्य की चाय हमेशा दो तरह से आपके सामने रखी जाएगी चुनाव आपको करना है चरित्रवान या चरित्रहीन ..एक कप चाय मुझे भी देना ....

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