
जूते उतारा तो दिल कृतज्ञता और गर्व से भर गया, विदाई के बाद पूर्व डीजीपी ने लिखी ये भावुक पोस्ट
यूपी में डीजीपी बदल चुके हैं। 31 की रात राजीव कृष्णा ने नए डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण किया। आज पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने जाते-जाते भावुक पोस्ट लिखी।
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने रविवार सुबह एक्स पर अपने साथ काम कर चुके सहयोगियों, दोस्तों और पुलिस के सभी योद्धाओं को संबोधित भावुक पोस्ट लिखी।
इसमें उन्होंने लिखा कि इस पद को बिना किसी पछतावे के गर्व के साथ छोड़ रहा हूं। मेरी प्रार्थनाएं, सम्मान और समर्थन हमेशा आप सबके साथ रहेगा।
31 मई को घर जाने पर जब अपने जूते उतारे तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भर गया।
यह सिर्फ विदाई नहीं है, बल्कि रुकने, चिंतन करने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद देने का क्षण है।
वे सिपाही जो ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए तेज बारिश में खड़ा रहता है, जो अधिकारी रात भर जागकर केस को सुलझाता है, वह इस पुलिस बल की सच्ची आत्मा है।
हम सबने साथ में त्रासदी, विजय और परिवर्तन का सामना किया है।
पुलिसिंग को आधुनिक बनाया, साइबर अपराध और अन्य विपरीत परिस्थितियों का सामना किया।
इससे बढ़कर सबका विश्वास जीता।
खाकी में नागरिकों का विश्वास बढ़ा।
अंत में लिखा कि यूनीफॉर्म अस्थायी है, ड्यूटी हमेशा है।
डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए प्रशांत कुमार का 14 माह का कार्यकाल माफिया व अपराधियों को धूल चटाने वाला रहा।
उन्होंने महाकुंभ, राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह समेत कई बड़े आयोजनों में पुलिस के आतिथ्य सत्कार की नई मिसाल पेश कर धाक भी जमाई।
भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में मेरठ जोन का एडीजी रहने के दौरान उन्होंने पश्चिमी यूपी के तमाम कुख्यात अपराधियों का सफाया कराया, जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था बना दिया।
उन्होंने मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया और उनके गैंग के सदस्यों की कमर तोड़ी, तो सीएम ने उनको 31 जनवरी 2024 को डीजीपी बना दिया।
शनिवार को सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने कई पूर्व डीजीपी की परंपरा का पालन किया और रैतिक परेड जैसी औपचारिकताओं से दूर रहे।
सीएम के भरोसेमंद अफसर होने की वजह से उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा है।