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स्टेशन वाले बाबा की दरगाह पर 46वे उर्स शरीफ में डॉ० संदीप ने दिया सर्वधर्म सद्भाव का संदेश

झाँसी। जनपद के बबीना स्थित रेलवे स्टेशन पर हजरत कुतुबुल अकताब सैय्यद एवज अली शाह रहमतुल्लाह अलैह (स्टेशन वाले बाबा) की दरगाह पर 46वें उर्फ शरीफ एवं लंगर का आयोजन किया गया। स्टेशन वाले बाबा की दरगाह पर प्रतिवर्ष यह आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में सर्वधर्म के लोग उपस्थित होते हैं। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने दरगाह पर हाजिरी दी, मन्नतें मांगी और लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ विशाल लंगर देर रात तक चला, जिसमें हर धर्म और समुदाय के लोगों ने साथ बैठकर भोजन ग्रहण किया। इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। शाम 5 बजे मजार कमेटी की ओर से जामा मस्जिद बबीना से बाबा की चादर शरीफ निकाली गई, जो नगर भ्रमण करते हुए बाजे-गाजे, सूफियाना कलामों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ दरगाह पहुंची। इस दौरान पूरा नगर सूफी रंग में रंगा नजर आया। साथ ही शास्त्री नगर स्थित मस्जिद व मदरसा गौसिया से शेरे इस्लाम मुस्लिम युवा कमेटी के तत्वावधान में एक और चादर यात्रा निकाली गई, जो दरगाह पहुंचकर श्रद्धा के साथ चढ़ाई गई। उर्स कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक समाजसेवी डॉक्टर संदीप सरावगी सहित विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अभिनंदन जैन, राजेंद्र शर्मा, अखिलेश गुरुदेव, मुलायम सिंह रजक, कलाम कुरैशी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। अतिथियों के आगमन पर माल्यार्पण कर, पगड़ी पहनाकर व पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। जानकार बताते हैं कि बाबा के जन्म की सही सही जानकारी नहीं है, लेकिन वह गौंडा में जज के रूप में तैनात थे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर वैराग्य धारण कर लिया। वह फकीरी का जीवन जीते थे और अक्सर अपना बसेरा रेलवे स्टेशन के पास बनाते थे, जिस कारण उन्हें 'स्टेशन वाले बाबा' के नाम से प्रसिद्धि मिली। उनकी याद में पहला उर्स 29-30 मई 1980 को बबीना में ही आयोजित किया गया, इसके बाद झाँसी में भी उर्स होने लगा। उर्स में दूर दराज से आये कव्वालों द्वारा बेहतरीन कव्वालियों का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। इस वर्ष आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉक्टर संदीप ने कहा स्टेशन वाले बाबा की ख्याति देश-विदेश तक है जब भी झांसी या आसपास का कोई निवासी जो अन्यत्र निवास करने लगा है वह झाँसी आगमन पर एक बार बाबा की दरगाह जरूर आता है। उनके कार्यों को देखते हुए सर्वधर्म के लोगों में उनके प्रति सम्मान की भावना है। बाबा ने जात-पात और धर्म को दर्द किनार कर सभी के लिए सेवा भाव से कार्य किया था इसीलिए आज हर जाति हर धर्म का व्यक्ति उनकी दरगाह आता है। बाबा की उर्स पर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं और सभी देश में अमन चैन की दुआ मांगते हैं। मजार कमेटी के अध्यक्ष शेख मुख्तार भोलू कुरैशी के नेतृत्व में पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराया गया। उन्होंने कहा कि बाबा का यह उर्स केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता, सामाजिक समरसता और मानवता के मूल्यों को जीवंत करने वाला पर्व है। पूरे कार्यक्रम के दौरान बबीना थाना पुलिस द्वारा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। नगर में यातायात सुचारू रूप से संचालित रहा और दरगाह परिसर में पुलिस की तैनाती से श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। इस अवसर पर जिला महामंत्री दीपक सिंह, जिला सचिव दीपक अहिरवार, ग्राम प्रधान बबीना दीनदयाल अहिरवार,नगर अध्यक्ष शैलेश, सोनू शिवहरे, नईम खान और आरपीएफ बबीना के एसआई गनेन्द्र सिंह, संदीप नामदेव, भारत राज अहिरवार, राकेश अहिरवार राजू सेन , मास्टर मुन्नालाल ,अरुण पांचाल , बसंत गुप्ता, सुशांत गुप्ता, ने भी चादर चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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