
शिक्षक, अब भी समय है – वरना अगली क्रांति आपको निगल जाएगी
"गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु..."
हमने शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया, लेकिन क्या अब हम उसे मशीन के नीचे कुचलने जा रहे हैं?
चतुर्थ और पंचम औद्योगिक क्रांति सिर्फ उत्पादन, व्यापार और संचार के नियम नहीं बदल रही – यह शिक्षा व्यवस्था को जड़ से हिला रही है, और सबसे पहले जो इसके निशाने पर है, वह है – आप, एक शिक्षक।
AI: अब ज्ञान नहीं, डेटा सिखाएगा:
AI-पावर्ड ट्यूटर अब बच्चों को पढ़ा रहे हैं – वो भी हर एक छात्र की अलग जरूरत के अनुसार। न थकते हैं, न छुट्टी मांगते हैं। न वेतन चाहिए, न इंसानी भावना।
* AI ट्यूटर 24x7 उपलब्ध हैं
* AR/VR क्लासरूम दुनिया के किसी कोने से पढ़ाते हैं
* Khan Academy, Byju’s, Vedantu, Coursera जैसी कंपनियाँ एक क्लिक में हज़ारों शिक्षकों का काम कर रही हैं
तो सवाल यह है: फिर एक "लोकल" शिक्षक की जरूरत क्यों रहे?
जब शिक्षा बाजार बन जाए, तो शिक्षक ग्राहक सेवा एजेंट बन जाता है:
AI और टेक्नोलॉजी की ये लहर, पंचम औद्योगिक क्रांति के नाम पर, शिक्षक को गौरव से हटा कर "सिस्टम असिस्टेंट" बना रही है।
अब शिक्षक:
* स्क्रिप्टेड कंटेंट पढ़ाएगा
* ऐप से मिली गाइडलाइंस फॉलो करेगा
* और जो नहीं मानेगा, वह "अपग्रेडेड" नहीं कहलाएगा
शिक्षक अब निर्माता नहीं, सिर्फ एक ट्रांसमिशन डिवाइस रह जाएगा।
सरकारें टेक कॉरपोरेट्स की दलाली कर रही हैं:
NEP 2020 को देखिए – इसमें निजी और डिजिटल शिक्षा का खुला स्वागत है। लेकिन इसके बीच पिस कौन रहा है? सरकारी शिक्षक, ग्रामीण स्कूल, और वो बच्चे जिनके पास तकनीक नहीं है।
* शिक्षा बजट घटाया जा रहा है
* स्थायी शिक्षकों की भर्ती रुकी है
* अस्थायी, कम वेतन वाले शिक्षक बढ़ाए जा रहे हैं
* डिजिटल कंटेंट के लिए अरबों का कॉन्ट्रैक्ट निजी कंपनियों को दिया जा रहा है
क्या यह लोकतांत्रिक शिक्षा है या एक नया शिक्षा बाजार?
आने वाले 5-10 साल: शिक्षक, तैयार रहो – या खत्म हो जाओ
* लाखों शिक्षक अप्रासंगिक हो जाएंगे
* "AI क्लासरूम" स्थानीय स्कूलों की जगह लेंगे
* ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल्स हर कोने में घुस जाएंगे
* बच्चों को स्थानीय भाषाओं, संस्कृतियों और मानवीय संबंधों से काट दिया जाएगा
और शिक्षक? वो रह जाएगा एक मशीन का सहायक, जो केवल सिस्टम की मदद से पढ़ाता है, सोचता नहीं।
तो शिक्षक क्या करे?
1. संगठित होइए – यूनियनों को फिर से ताकतवर बनाइए
2. नीति पढ़िए – NEP जैसे दस्तावेज़ों का विश्लेषण कीजिए
3. टेक्नोलॉजी समझिए – सिर्फ विरोध नहीं, विकल्प भी तैयार कीजिए
4. अभिभावकों और छात्रों को जागरूक कीजिए – शिक्षा को अधिकार बनाए रखने के लिए
यह आखिरी लड़ाई हो सकती है:
अगर अब नहीं चेते तो कल कोई मशीन, कोई ऐप, कोई "इंटेलिजेंट कंटेंट सिस्टम" आपके क्लास में आकर आपकी कुर्सी ले लेगा – और आप देखेंगे, पर कुछ कर नहीं पाएंगे।
याद रखिए – AI कभी "गुरु" नहीं हो सकता।
वह ज्ञान दे सकता है, लेकिन दिशा नहीं। वह समझा सकता है, पर संवेदनाओं के साथ नहीं।
इसलिए शिक्षक, अब भी समय है – अपना स्थान बचाइए। नहीं तो अगली क्रांति आपको इतिहास का विषय बना देगी।