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हरियाणा में युवाओं के साथ सरकार का दोहरा रवैया, नौकरी देने के बाद अब निकालने की तैयारी

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार पर एक बार फिर युवाओं के साथ वादाखिलाफी के आरोप लग रहे हैं। चुनावों के दौरान युवाओं से रोजगार के बड़े-बड़े वादे करने वाली सरकार अब उन्हीं युवाओं की नौकरियों पर संकट खड़ा कर रही है। पहले तो सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गईं, लेकिन अब खबर है कि सरकार उन कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई विभागों में अनुबंध पर कार्यरत युवा कर्मचारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं या उनका कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जा रहा। इससे हजारों परिवारों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।


युवाओं का गुस्सा फूटा:
नौकरी खोने की आशंका से परेशान युवा अब खुलकर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब सरकार को वोट चाहिए थे तब युवा सबसे ज़रूरी थे, लेकिन अब जब सत्ता मिल गई है तो उन्हें नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।


एक युवक ने कहा, "हमने मेहनत करके भर्ती प्रक्रिया पास की थी, अब हमें हटाने की बात की जा रही है। सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है, युवाओं के भविष्य से नहीं।"


राजनीतिक विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह रवैया आने वाले विधानसभा चुनावों में भारी पड़ सकता है। युवा वर्ग, जो किसी भी सरकार की रीढ़ होता है, यदि असंतुष्ट होता है तो उसका असर सीधे तौर पर वोटबैंक पर पड़ता है।


युवा कर रहे हैं एकजुटता की तैयारी:
सूत्रों की मानें तो कई युवा संगठन अब इस मुद्दे पर एकजुट होकर आंदोलन की योजना बना रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि किसी भी कर्मचारी को बिना ठोस कारण हटाया न जाए और सभी लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा किया जाए।

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