
महिला चालक श्रीमती रूपांजलि वर्मा इंदौर में महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित कर रही
देवी अहिल्या 300वीं जयंती- विशेष
प्रात: स्मरणीय देवी अहिल्याबाई होलकर एक साहसिक महिला होने के साथ-साथ उन्होंने कुएं, बावड़ी, मंदिर, घाट आदि निर्माण कार्य भी करायें। समाज को नागरिक बोध के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता का संदेश भी दिया। इसी कार्य को आगे बढ़ा रही है नगर निगम की महिला चालक श्रीमती रूपांजलि वर्मा।
नगर निगम इंदौर की महिला चालक श्रीमती रूपांजलि वर्मा आज महिलाओं को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनने की ओर भी प्रेरित कर रही है। महिला चालक श्रीमती रूपांजलि वर्मा रोजाना सुबह 5 बजे घर से निकलकर आजाद नगर स्थित जीटीएस पर आती है और यहां से नगर निगम का ओपन डंपर लेकर वार्ड क्रमांक 52 की विभिन्न कॉलोनियों में घूम-घूम कर कचरा एकत्रित करती है, विशेषकर पांईटों पर रखा कचरा। फिर इस कचरें को नगर निगम के प्लांट पर ले जाती है। इस दौरान वह लोगों से आग्रह करती है कि वे कचरें को इधर-उधर नहीं फैंके ओर एक ही स्थान पर एकत्रित करके रखें ताकि नगर निगम के ओपन डंपर में साथ चलने वाले सफाई मित्रों को उस कचरें को उठाने में परेशानी नहीं हो। वर्ष 2018 से नगर निगम का कचरा वाहन चला रही श्रीमती वर्मा की शुरूआत चार पहिया वाहन से हुई जो घर-घर जाकर घरेलू कचरा एकत्रित करती है। इस वाहन में गीला और सूखें कचरें के अलावा, डायपर, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिक ट्यूब लाईट आदि के अलग-अलग खाने बने होते है। जब कोई रहवासी मिक्स कचरा एक ही खाने मे डाल देता है तो उसे समझाईश देने का कार्य भी करती है श्रीमती वर्मा।
हाई स्कूल तक शिक्षित श्रीमती रूपांजलि वर्मा ने बचपन में ही तय कर लिया था कि जीवन में मुझे कुछ अलग तरह का ऐसा कार्य करना है, जिसे पुरूष वर्ग करते हैं। इसलिए उन्होंने बड़े वाहन चलाने का मन बनाया। सबसे पहले उन्होंने तीन पहिया वाहन ऑटो रिक्शा चलाया सीखा। उसके बाद थोडे ही दिनों में उन्होंने चार पहिया वाहन का स्टेयरिंग थामा और बहुत जल्द चलाना सीख लिया, हांलाकि परिवार में विरोध हुआ। घर वाले नहीं चाहते थे कि एक गृहणी वाहन चलाये, लेकिन श्रीमती वर्मा की जिद के आगे परिवार को सहमत होना पड़ा।
श्रीमती वर्मा ने जल्दी ही अपना हैवी वाहन चलाने का लायसेंस बनवा लिया और नौकरी की तलाश शुरू कर दी। श्रीमती वर्मा की मेहनत रंग लाई और उसे नगर निगम में नौकरी मिल गई। इस बात को आज 7 वर्ष हो गयें। श्रीमती वर्मा नगर निगम इंदौर की कचरा उठाने वाले वाहन की नियमित चालक बनीं हुई है। इस कार्य में उन्हें आनंद भी आता है।
महिला चालक श्रीमती रूपांजलि वर्मा का कहना है कि बड़े वाहन चलाने से साहसिक गुणों में वृद्धि होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है, व्यक्ति आत्मनिर्भर होता है और उसे जोखिम लेने की आदत लग जाती है। श्रीमती वर्मा का मानना है यदि कोई लड़की वाहन चलाना सीखना चाहती है, तो वह उसे सीखाने के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।