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प्रधानमंत्री के दौरे से निराश हुए शाहाबाद के लोग गहरी निराशा

प्रधानमंत्री के दौरे से निराश हुए शाहाबाद के लोग
स्थानीय मांगों पर नहीं हुई कोई घोषणा, जनता में गहरी निराशा
शाहाबाद क्षेत्र के लोगों को इस कार्यक्रम से बड़ी उम्मीदें थीं कि प्रधानमंत्री कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे।
जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री निम्नलिखित बहुप्रतीक्षित मांगों पर कोई ठोस घोषणा करेंगे:'माई भाषा' भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर संवैधानिक दर्जा प्रदान करना।
शाहाबाद को कमिश्नरी बनाने की घोषणा।
शाहाबाद में एम्स (AIIMS) जैसे उच्च चिकित्सा संस्थान की स्थापना।
कदवन-इंद्रपुरी जलाशय परियोजना को पुनः शुरू करने या उसके विस्तार की घोषणा।
डालमियानगर रेल कारखाना को पुनः चालू कराने संबंधी कोई निर्णय।
लेकिन सभा में इन स्थानीय मुद्दों और जनभावनाओं से जुड़े विषयों पर कोई उल्लेख या घोषणा नहीं हुई।

इससे शाहाबाद क्षेत्र के निवासियों में गहरी निराशा देखी गई। लोगों ने माना कि इतने बड़े स्तर के दौरे के बावजूद स्थानीय आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया।
आम लोगों, सामाजिक संगठनों और क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों ने इस उपेक्षा पर खेद और असंतोष जताया।
उनका कहना है कि राजनीतिक रैलियों और घोषणाओं में जब तक स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक जनता का भरोसा टूटता रहेग सहारा का पैसा की उम्मीद टूटते जा रही है। बीजेपी वाले को सिर्फ पाकिस्तान दिखता है।

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