
32 वाँ राष्ट्रीय एक्यूप्रेशर-एक्यूपंक्चर सम्मेलन पटना में संपन्न: सरकार देगी चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर को संरक्षण
32 वाँ राष्ट्रीय एक्यूप्रेशर-एक्यूपंक्चर सम्मेलन पटना में संपन्न: सरकार देगी चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर को संरक्षण
पटना, 25 मई 2025: बिहार की राजधानी पटना के पुराना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में 32वें राष्ट्रीय एक्यूप्रेशर-एक्यूपंक्चर सम्मेलन का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया।उद्घाटन सत्र में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर यादव, पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद और बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने शिरकत की। सभी डेलीगेट्स को मेमोरेंडम और पार्टिसिपेशन प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
बिहार सरकार का एक्यूप्रेशर को समर्थन:
अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर यादव ने कहा, "बिहार सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धति एक्यूप्रेशर को संरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही हम एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर को सम्मानजनक स्थिति प्रदान करने के लिए एक्ट लाने की दिशा में काम करेंगे ताकि चिकित्सकों की मांगों को पूरा किया जा सके।
दूसरे सत्र के कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने साझा किए शोध और अनुभव:
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में संयोजक डॉ. अजय प्रकाश ने बिहार में एक्यूप्रेशर के जनक डॉ. चंद्रमा प्रसाद गुप्त के जन्मदिवस समारोह के अवसर पर एक्यूप्रेशर के उज्जवल भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "आने वाले समय में एक्यूप्रेशर स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।"इस अवसर पर पटना मेडिकल कॉलेज के पूर्व एमबीबीएस चिकित्सक डॉ. एल.पी. सिंह ने मानसिक रोगों पर एक्यूप्रेशर की प्रभावशीलता पर व्याख्यान दिया। डॉ. अजय प्रकाश ने थायराइड और डॉ. सर्वदेव प्रसाद गुप्ता ने फैटी लिवर के उपचार में एक्यूप्रेशर की भूमिका पर अपने शोध प्रस्तुत किए। इसके अलावा, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने डायबिटीज, किडनी रोग, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।आयोजन की सफलता
इस सम्मेलन ने एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर के क्षेत्र में नई संभावनाओं को उजागर किया और भारतीय चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रस्तुति: राधेश्याम केसरी