ग़ज़ल - जिस भारतवासी को भारत के दुश्मन से प्यार है ............
जिस भारतवासी को.........भारत के दुश्मन से प्यार है |खुलकर बोलो........वह भारत का दुश्मन और गद्दार है ||नेता - अभिनेता या जनता.......अहित करे जो देश का, अपराधी ठहराना उसको........हम सबका अधिकार है ||राष्ट्रवाद और राष्ट्र - धर्म यूँ.........संविधान का अंश हो,इसका पालन अति आवश्यक और अनिवार्य विचार है ||दुश्मन को बल देने वाली......भाषा हो जिस व्यक्ति की,समझो उसको वह भारत में.......दुश्मन का हथियार है ||अधिकारों का स्वामी बन जो....बेइमानी - अन्याय करे,उसको अधिकारों की ताक़त.........देना एक विकार है ||यदि आदर्श राष्ट्र की रचना... जन - मानस का स्वप्न हो,तो गद्दारों का वध करना............आवश्यक उपचार है ||आस्तीन के विषधर जो हैं.......इस समाज में छिपे हुए,इनके विष का बस निदान ये.......फन पर क्रूर प्रहार है ||जिनको अपने हित और अपनी खुशियाँ केवल प्यारी हैं,वो समाज - कल्याण करेंगे.......यह भ्रम का व्यापार है ||जो चारा - टोंटी की चोरी..........बेइमानी - अन्याय करें, सत्ता उनके पास...............हमारे लिए एक तलवार है ||ये समाज और राष्ट्र हमारा............है दायित्व हमारा ही,है अपराध हमारा ही ये...........जो काला - अँधियार है ||रचनाकार - अभय दीपराज संपर्क सूत्र - 9893101237