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रामनवमी पर सभी को बधाई व शुभकामनाएं, कोरोना की श्रृंखला तोड़ने के लिए आओ पीएम मोदी के प्रयासों में करें सहयोग

देश के कई प्रदेशों में कोरोना महामारी के चलते कुछ दिनों के लिए लाॅकडाउन लागू किया जा चुका है। वो बात और है कि न्यायालय के कहने के बावजूद यूपी के पांच शहरों में लाॅकडाउन नहीं किया गया। कोरोना की समस्या से हर व्यक्ति को निजात दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों को यह आश्वासन देने के साथ ही कि मिलता रहेगा मुफ्त टीका। एक मई से सभी को सुरक्षा कवच का ऐलान किया गया। अब सभी 18 साल से उपर के नागरिकों को टीका लगाने की अनुमति दी जा चुकी है। वर्तमान में कोरोना की रोकथाम के लिए कई प्रकार की वैक्सीन और टीके विकसित हो चुके हैं। उसके बाद भी यह सोचने का विषय है कि सुरसा के मुंह की भांति यह बीमारी कम होेने की बजाय बढ़ती ही क्यों जा रही है। घोषणा हो चुकी है कि अब बाजार से सीधे भी दवाई खरीदी जा सकती है। यह अपने आप में एक अच्छी पहल कह सकते हैं। लेकिन लोग प्रधानमंत्री के प्रयासों का लाभ उठाने हेतु पूरी आस्था के साथ अपने और अपनों के हित में आखिर लाॅकडाउन के नियमों का पालन कर इस बीमारी को भगाने का कोई भी मौका क्यों छोड़ रहे हैं।
दोस्तों हम नवरात्र मना रहे हैं। ज्यादातर परिवारों में आज अष्टमी पूजन हुआ। और कन्याएं जिमाईं गई। शक्ति की माता के रूप में इनका पूजन कर हमने मातारानी से कष्टों को दूर करने की प्रार्थना की। कल 21 अप्रैल को 13 अप्रैल से शुरू हुए नवरात्र समाप्त होंगे और रामनवमी मनाई जाएंगी। कहते हैं कि माता सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध करने हेतु भगवान राम लंका जा रहे थे तो पुल बनाने की आवश्यकता पड़ी जिसमें सब योगदान कर रहे थे। भगवान ने भी एक पत्थर पानी में डाला जो डूब गया। तो बजरंग बली ने कहा कि आपने तो जिस मानव को छोड़ दिया वो डूब गया यह तो पत्थर था। जबकि राम का नाम लिखे पत्थर पानी में तैर रहे थे। कहने का मतलब है कि वहां पुल बनाना था और यहांु कोरोना की चेन को तोड़ने का प्रयास है। लेकिन अगर हम पीएम मोदी के दिखाए मार्ग पर नहीं चलेंगे तो पत्थर की भांति कोरोना की महामारी के चक्रव्यूह में फंसकर अपनी जान गंवा बैठेंगे। इसलिए आओ अंधेरों को मिटाने के लिए भले ही हम सूरज को धरती पर ना ला पाएं वाली किवंदती को चरितार्थ करते हुए कम से कम दिया जलाने की हिम्मत दिखाने की तरह कोरोना रोकने का कुछ प्रयास कर सकते हैं। क्योंकि ज्यादा ना सही थोड़ा ही सही जितना हो सकता है। कोरोना बेड की समस्या और रेमडिसिवीर की कमी की खबरों के बीच कुछ अच्छी खबरें भी मिल रही हैं। आवश्यकता उस गिलहरी के समान थोड़ा हिम्मत दिखाने और कुछ करने की है जो लंका जाने वाले पुल के बनने में रेत में लोटकर रेत को पुल पर छिड़कने में योगदान दे रही थी। हम भी अफवाह उड़ाने या भय बढ़ाने वाली खबरों को पढ़कर डर में फंसने की बजाय सक्रियता और समर्पण मन में पैदा करें और कोरोना की जो एक लंबी चेन बनती जा रही है उसे तोड़ने में अपना सहयोग दें। कुल मिलाकर कहने का आश्य सिर्फ इतना है कि भगवान राम से किसी की तुलना तो नहीं की जा सकती लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने आदर्श और सिद्धांत कायम करने और राक्षसों का नाश कर सबको राहत पहुंचाने के लिए रावण का वध किया था। वर्तमान समय में नरेंद्र मोदी अपने सहयोगियों को साथ लेकर इस कोरोना रूपी राक्षसी बीमारी का वध कर इसे समाप्त करने नित नया प्रयास कर रहे हैं। हमें उनकी भावना और समर्पण तथा देशवासियों के लिए कुछ करने की इच्छा का आदर करते हुए जिन कारणों से इसमें बढ़ोत्तरी हो रही है उसे खुद तो रोके ही औरों को भी रोकने के लिए प्रेरित करें। मैं समझता हंू कि अगर इस संदर्भ में घोषित नियमों को आत्मसात कर ले तो आगामी 15 दिनों में कोरोना की चेन टूट सकती है और परेशानियां जो मुंह बाये खड़ी है उनके चक्रव्यूह को हम सब मिलकर तोड़ने में सफल हो सकते हैं। इन्हीं शब्दों के साथ हम आपके उज्जवल भविष्य निरोगी काया और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए माता रानी से प्रार्थना करते हुए आग्रह करते हैं कि जल्द हमें इस संकट से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही आप और हम सबको राम नवमी की बधाई और शुभकामनाएं।

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