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मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 5,476 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक

मुंबई (महाराष्ट्र)। कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों की अवधि के दौरान नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 5,476 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।  इसके तहत खाद्य सुरक्षा योजना के सात करोड़ लाभार्थियों को तीन किलो गेहूं और प्रति व्यक्ति दो किलो चावल दिया जाएगा। 
इसके लिए 90 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया जाएगा।  प्रतिबंधित अवधि के दौरान, राज्य भर में हर दिन दो लाख शिव भोजन की प्लेटें मुफ्त प्रदान की जाएंगी।  इसके लिए 75 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।  संजय गांधी निर्धन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था सेवानिवृत्ति योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा सेवानिवृत्ति योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता सेवानिवृत्ति योजना 35 लाख लाभार्थियों को 2 महीने के लिए प्रत्येक से 1000 रुपये मिलेंगे। 

अग्रिम वित्तीय सहायता के लिए 961 करोड़।  राज्य में 12 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 1,500 रुपये की दर से 180 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।  राज्य में 25 लाख पंजीकृत घरेलू श्रमिकों को 375 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।  1,500 रुपये की दर से राज्य के 5 लाख पंजीकृत पेडलर्स को 75 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।  1,500 रुपये की दर से 12 लाख लाइसेंस वाले रिक्शा चालकों को 180 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।  यह सहायता प्रदान करते समय साइकिल रिक्शा खींचने वालों पर भी विचार किया गया है। 

आदिवासी विभाग के तहत ख्वाती योजना से लाभान्वित होने वाले 12 लाख आदिवासी परिवारों को 2,000 रुपये की दर से 240 करोड़ रुपये का फंड प्रदान किया जाएगा।  जिला वार्षिक योजना में तीस प्रतिशत धनराशि को कोविद पर दवाओं, उपकरणों, सुविधाओं और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च करने की अनुमति दी गई है।  राज्य भर में इसके लिए 3,300 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे।  पहले चरण में, 1,100 करोड़ रुपये का फंड तुरंत वितरित किया गया है। 

शेष धनराशि आवश्यकतानुसार वितरित की जाएगी।  सभी विभागों को समन्वय में यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि प्रतिबंधों की अवधि के दौरान राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे।  बाकी सत्तारूढ़ जारी करने की प्रक्रिया को तुरंत पूरा किया जाना चाहिए।  सही और जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रशासन को तत्काल आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

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