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सफलता_की_कहानी दुखों से मिली प्रेरणा, अब शुद्धता का संदेश दे रहीं स्वाति बारस्कर


प्रधानमंत्री की पीएमएफएमई योजना से मिला सहयोग, घर से शुरू किया कच्ची घानी तेल का व्यवसाय
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नारी सशक्तिकरण, स्वदेशी उत्पादों के प्रचार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की एक मिसाल बनी स्वाति
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स्वावलंबी महिलाएं, सशक्त राष्ट्र
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प्रदेश सरकार इस वर्ष लोक माता अहिल्या बाई की 300वीं जयंती मनाने जा रही हैं। शासन के प्रयासों से प्रदेश की महिलाएं सशक्त हो रही है और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। ऐसी ही एक कहानी बैतूल मुख्यालय के टिकरी निवासी श्रीमती स्वाति बारस्कर की है, जो किसी भी आम गृहिणी की नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला की है, जिसने अपने जीवन के कठिन अनुभवों से प्रेरणा लेकर न सिर्फ अपने परिवार की सेहत को नया जीवन दिया, बल्कि समाज में भी शुद्धता और स्वास्थ्य का संदेश फैलाने का बीड़ा उठाया। आज श्रीमती स्वाति बारस्कर नारी सशक्तिकरण, स्वदेशी उत्पादों के प्रचार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की एक मिसाल बन चुकी हैं।

श्रीमती स्वाति ने बताया कि उनके ससुर का साइलेंट हार्ट अटैक से निधन हो गया था। इस घटना को बीते एक साल ही हुआ था कि उनकी सासू मां की भी हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। यही नहीं उनके पति को भी हृदय संबंधी समस्याएं हुईं और डॉक्टर ने एंजियोग्राफी की सलाह दी। इन हादसों से आहत होकर श्रीमती स्वाति ने अपने घर में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेल को बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने डॉक्टर की सलाह और खुद की जागरूकता से रिफाइंड तेल का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया और पारंपरिक तरीके से तैयार किया गया लकड़ी कच्ची घानी का तेल उपयोग में लाना शुरू किया। स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने यहीं से एक नया रास्ता चुना और कच्ची घानी तेल का व्यवसाय शुरू किया। इस पहल को सफल बनाने में उन्हें उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का सहयोग मिला और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता के रूप में लोन भी प्राप्त हुआ।

स्वाति ने स्थानीय लोगों को भी दिया रोजगार
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इस योजना के तहत उन्होंने घर से ही लकड़ी कच्ची घानी तेल का व्यवसाय प्रारंभ किया, जिसका उद्देश्य न सिर्फ शुद्ध और प्राकृतिक तेल का उपयोग करना था, बल्कि अन्य लोगों को भी शुद्ध तेल के उपयोग के लिए प्रेरित करना था। उनकी यह पहल केवल एक व्यवसाय नहीं रही, बल्कि एक जन-जागरण का माध्यम बन गई। श्रीमती स्वाति का यह व्यवसाय धीरे-धीरे सफल हुआ और उन्होंने इस काम के माध्यम से अन्य स्थानीय लोगों को भी रोजगार देना शुरू कर दिया। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि परिवार का स्वास्थ्य भी बेहतर हो गया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि सरकार की योजनाओं का सही लाभ लिया जाए, तो आम लोग भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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