
कल 25 मई से दो जून तक चलेगा ‘नौतपा’, गर्मी से बढ़ेगी परेशानी, बरतें सावधानियाँ
नर्मदापुरम: हर साल की तरह इस बार भी 25 मई से लेकर 2 जून तक ‘नौतपा’ का दौर रहेगा। यह नौ दिन सूर्य की तीव्रता सबसे अधिक मानी जाती है और मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह समय अत्यधिक गर्मी और उमस लेकर आता है। वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
क्या होता है नौतपा
नौतपा ज्योतिषीय अवधारणा है, जिसमें सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और यह नौ दिन तक वहां रहता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह साल का सबसे गर्म समय होता है, जब सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं।
इस अवधि में तापमान सामान्य से अधिक रहता है, और हीटवेव की आशंका भी बनी रहती है। कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
मेडिकल दृष्टिकोण से संभावित खतरे:
हीट स्ट्रोक (लू लगना)
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
सनबर्न और त्वचा रोग
ब्लड प्रेशर की समस्याएँ
ज्यादा गर्मी से बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ना
सावधानियाँ जो आम आदमी को बरतनी चाहिए:
1. पानी भरपूर पिएं: दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी लें।
2. धूप में जाने से बचें: विशेषकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें।
3. हल्के, सूती कपड़े पहनें: ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
4. 4. फल और तरल पदार्थ लें: जैसे नारियल पानी, छाछ, खीरा, तरबूज आदि।
5. बुजुर्गों और बच्चों का खास ध्यान रखें: उन्हें घर के अंदर ठंडे वातावरण में रखें।
6. पंखा/कूलर/एसी का सही उपयोग करें: लेकिन एकदम ठंडे माहौल से गर्म वातावरण में न जाएं।
7. तेल-मसालेदार और भारी भोजन से बचें।
विज्ञान क्या कहता है:
जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार मई और जून के बीच सूर्य का झुकाव उत्तरी गोलार्ध की ओर अधिक होता है, जिससे भारत के बड़े हिस्सों में गर्म हवाएं चलती हैं। ‘नौतपा’ का यह समय वातावरण में सूखापन और तपिश पैदा करता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
नौतपा केवल ज्योतिषीय या परंपरागत अवधारणा नहीं, बल्कि विज्ञान और स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। ऐसे में हर व्यक्ति को इस दौरान अपनी दिनचर्या, खानपान और शरीर की देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए।