
मनरेगा में हाजिरियों का खेल: सरकारी धन के गबन पर गंभीर सवाल
जिला पीलीभीत के ब्लॉकों में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की हाजिरी को लेकर अनियमितताओं का दौर लगातार जारी है। रोज़गार सेवक, महिला मेट, पंचायत सहायक और खुद प्रधान (या प्रधान पति) हाजिरी में हेरफेर कर सरकारी धन की बंदरबांट करने की साजिश में लिप्त दिखाई दे रहे हैं।
मनरेगा एक्ट के अनुसार, कोई भी मजदूर किसी दिन के मास्टर रोल में एक बार दर्ज होने के बाद उसी दिन के किसी अन्य मास्टर रोल में काम नहीं कर सकता। लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए, रोजगार सेवक, पंचायत सहायक, महिला मेट और प्रधान बार-बार उन्हीं मजदूरों के नाम अलग-अलग मास्टर रोल में दर्ज कर रहे हैं। कई मामलों में, उन्हीं मजदूरों की तस्वीरें अपलोड कर दी जाती हैं, जो पहले से ही उसी दिन के किसी अन्य मास्टर रोल में कार्यरत होते हैं।
ब्लॉक अमरिया की पंचायत डांग में उजागर हुई अनियमितता
हमारे रिपोर्टर द्वारा एन.एम.एम.एस एप पर 09.05.2025 को ब्लॉक अमरिया की पंचायत डांग के "कुदमा वाले तालाब के जीर्णोद्धार" कार्य की समीक्षा की गई, जिसकी मास्टर रोल संख्या 711/712/713 है और स्वीकृति 29.04.2025 को मिली थी। एप पर देखने से यह स्पष्ट हुआ कि जो मजदूर मास्टर रोल 711 में काम कर रहे थे, वही मजदूर उसी दिन अन्य मास्टर रोल में भी कार्यरत पाए गए। यह एक गंभीर वित्तीय अनियमितता है।
इसके अलावा, हर मास्टर रोल में पंचायत सहायक इकरार अहमद द्वारा मजदूरों के नाम बदल दिए गए, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी धन को गबन करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है।
क्या होगी कार्रवाई?
इतने बड़े स्तर पर सरकारी धन की हेराफेरी कैसे संभव है? क्या यह सब सिर्फ रोजगार सेवकों और पंचायत सहायकों की मिलीभगत से हो सकता है, या ब्लॉक के ए.पी.ओ., टी.ए. एवं अन्य अधिकारी भी इस गबन में शामिल हैं? यह जांच का गंभीर विषय है। मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना है, लेकिन इस तरह की अनियमितताएं न सिर्फ गरीब मजदूरों के अधिकारों का हनन कर रही हैं, बल्कि सरकार को भी भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा रही हैं।
प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। यदि इस गबन में उच्चाधिकारियों की संलिप्तता सिद्ध होती है, तो क्या सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी, या फिर यह भ्रष्टाचार यूं ही चलता रहेगा?
पी आर न्यूज़ इंडिया
पीलीभीत