
राजस्थान में गूंजा बालरवा गांव का नाम – उर्मिला बनी राज्य की टॉपर, संघर्ष की कहानी बनी मिसाल
राजस्थान में गूंजा बालरवा गांव का नाम – उर्मिला बनी राज्य की टॉपर, संघर्ष की कहानी बनी मिसाल
बालरवा (तिंवरी, जोधपुर):
संघर्ष, लगन और समर्पण की मिसाल बनी है बालरवा गांव की बेटी उर्मिला, जिसने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वर्ष 2025 की कक्षा 12वीं कला संकाय परीक्षा में 99.60% अंक प्राप्त कर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया।
महादेव आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, बालरवा की छात्रा उर्मिला की यह उपलब्धि न केवल विद्यालय और परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गई है।
गरीब किसान की बेटी बनी पूरे राजस्थान की शान
उर्मिला का संबंध एक साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर किसान परिवार से है। उनके पिता पोकरराम तिगाया खेती करते हैं और माता-पिता दोनों ही अशिक्षित हैं। बचपन से ही अनुशासनप्रिय, मेधावी और परिश्रमी उर्मिला ने संसाधनों की कमी को कभी अपने सपनों की राह में बाधा नहीं बनने दिया।
विद्यालय और गांव में मनाया गया जश्न
उर्मिला और करण सोनी (97.80%) की इस सफलता पर विद्यालय के निदेशक भीखाराम खोरवाल के नेतृत्व में डीजे और ढोल-नगाड़ों के साथ एक भव्य जुलूस निकाला गया। साफा पहनाकर, माल्यार्पण कर और पुष्पवर्षा के साथ पूरे गांव ने दोनों होनहार विद्यार्थियों का सम्मान किया। मिठाइयाँ बांटी गईं और हर चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी।
गौरवपूर्ण समारोह में अनेक गणमान्य उपस्थित
इस ऐतिहासिक पल में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री रतीराम सपूनिया, राष्ट्रीय शिक्षक संघ, अंबेडकर शिक्षक संघ, रेगर महासभा, माली प्रतियोगिता शिक्षण संस्थान सहित अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ और ग्रामीणजन उपस्थित रहे। ग्राम सरपंच, पूर्व सरपंच, पंचायत समिति सदस्य सहित सभी ने उर्मिला को शुभकामनाएँ दीं।
शिक्षकों और विद्यालय की मेहनत भी रंग लाई
विद्यालय के शिक्षकों – दिनेश खोरवाल, चंद्रेश गोयल, भींयाराम देवासी, दलपतराम, बद्रीलाल जाटोलिया, प्रहलाद लुणावत, सुरेश लुणावत, सहित सत्यनारायण, राहुल कटारिया, मुकेश चौहान, अरमानपुरी, करण, माया, पूजा, अनु, रेखा आदि ने छात्रा को बधाई दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
UPSC की तैयारी कर देशसेवा का सपना
छात्रा उर्मिला ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, विद्यालय के शिक्षकों और निदेशक के मार्गदर्शन को दिया। साथ ही उसने UPSC की तैयारी कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने और देश तथा समाज की सेवा करने की अपनी इच्छा भी व्यक्त की।
उर्मिला की यह कहानी बताती है कि सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में भी यदि संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
बालरवा गांव की यह बिटिया आज पूरे राजस्थान की प्रेरणा बन गई है।