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बड़े ही धूमधाम से मनाया गया अहिल्याबाई होलकर की जयंती

बड़े ही धूम धाम से मनाया गया अहिल्या बाई होलकर की जयंती

कलवारी - राजमाता अहिल्या बाई होलकर की जयंती के शुभ अवसर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहादुरपुर विकास खंड के कुसौरा में भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय कुमार चौरसिया के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाल कर इस बार बड़े ही धूम धाम से मनाया गया जयंती के शुभ अवसर पर चौधरी त्रिवेणीराम बालिका इंटर कालेज के प्रबंधन टीम के द्वारा दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली बच्चियों का हौसला अफजाई किया गया किया इस बार राजमाता अहिल्या बाई की जयंती को महिला सशक्ति करण के रूप में मनाया गया जिससे हमारे देश की महिलाएं आत्म निर्भर बने सके।


इस अवसर पर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेम प्रकाश चौधरी ने कहा कि राजमाता अहिल्या बाई होलकर मालवा समाज की होलकर रानी थी उन्हें भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में से एक माना जाता है। 18 वी शताब्दी में मालवा की महारानी की रूप में, धर्म का संदेश फैलाने में और औद्योगिकीकरण के प्रचार में उनका महत्व पूर्ण योगदान रहा था आज वे व्यापक रूप से अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और प्रशानिक कौशल के लिए जानी जाती है। 31 मई 1725 को जामखेड के अहमद नगर महाराष्ट्र के चोंडी गांव के जन्मी अहिल्या बाई एक साधारण परिवार से थी उनके पिता मनकोजी राव शिंदे ग्राम प्रधान थे जिन्होन इन्हें पढ़ना लिखना सिखाए थे और बाल्या अवस्था में ही उनकी शादी हो गई शादी बड़े ही धूम धाम से मनाया गया अहिल्या बाई होलकर की जयंती

कलवारी - राजमाता अहिल्या बाई होलकर की जयंती के शुभ अवसर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहादुरपुर विकास खंड के कुसौरा में भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय कुमार चौरसिया के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाल कर इस बार बड़े ही धूम धाम से मनाया गया जयंती के शुभ अवसर पर चौधरी त्रिवेणीराम बालिका इंटर कालेज के प्रबंधन टीम के द्वारा दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली बच्चियों का हौसला अफजाई किया गया किया इस बार राजमाता अहिल्या बाई की जयंती को महिला सशक्ति करण के रूप में मनाया गया जिससे हमारे देश की महिलाएं आत्म निर्भर बने सके।


इस अवसर पर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेम प्रकाश चौधरी ने कहा कि राजमाता अहिल्या बाई होलकर मालवा समाज की होलकर रानी थी उन्हें भारत की सबसे दूरदर्शी महिला शासकों में से एक माना जाता है। 18 वी शताब्दी में मालवा की महारानी की रूप में, धर्म का संदेश फैलाने में और औद्योगिकीकरण के प्रचार में उनका महत्व पूर्ण योगदान रहा था आज वे व्यापक रूप से अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और प्रशानिक कौशल के लिए जानी जाती है। 31 मई 1725 को जामखेड के अहमद नगर महाराष्ट्र के चोंडी गांव के जन्मी अहिल्या बाई एक साधारण परिवार से थी उनके पिता मनकोजी राव शिंदे ग्राम प्रधान थे जिन्होन इन्हें पढ़ना लिखना सिखाए थे और बाल्या अवस्था में ही उनकी शादी हो गई शादी के बारह साल बाद, कुम्हेर किले की घेरा बंदी के दौरान उनके पति खंडेराव की मृत्यु हो गई अहिल्या बाई इस घटना से इतनी आहत हुई कि इन्होंने शती होने का फैसला ले लिया लेकिन उनके ससुर मल्हार राव ने उन्हें इतना कठोर कदम उठाने से रोक लिया और अहिल्या बाई को अपने क्षत्र छाया में लेकर उन्हें सैन्य एवं प्रशासनिक मामलों में प्रशिक्षित कर कुशल बनाया


इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक मिश्रा, सुरेश सिंह, संतोष सिंह, पंकज अग्रहरि, दिनेश पांडेय, और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा चौधरी सहित विद्यालय के अन्य शिक्षक, शिक्षिकाएं भी मौजूद रही। बारह साल बाद, कुम्हेर किले की घेरा बंदी के दौरान उनके पति खंडेराव की मृत्यु हो गई अहिल्या बाई इस घटना से इतनी आहत हुई कि इन्होंने शती होने का फैसला ले लिया लेकिन उनके ससुर मल्हार राव ने उन्हें इतना कठोर कदम उठाने से रोक लिया और अहिल्या बाई को अपने क्षत्र छाया में लेकर उन्हें सैन्य एवं प्रशासनिक मामलों में प्रशिक्षित कर कुशल बनाया


इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक मिश्रा, सुरेश सिंह, संतोष सिंह, पंकज अग्रहरि, दिनेश पांडेय, और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा चौधरी सहित विद्यालय के अन्य शिक्षक, शिक्षिकाएं भी मौजूद रही।

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