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BJP–RSS के DNA में देश और देश के गौरव का अपमान….... कभी संविधान को तो कभी सेना को देते हैं गाली

*BJP–RSS के DNA में देश और देश के गौरव का अपमान….... कभी संविधान को तो कभी सेना को देते हैं गाली*

*BJP–RSS के DNA में देश, देश के महापुरुषों और देश की सेना के लिए सिर्फ अपमान है।*

👉इन लोगों दुनिया भर में पूजे जाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नहीं छोड़ा।

👉इन लोगों ने आधुनिक भारत का निर्माण करने वाले महान नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू को नहीं छोड़ा।

👉इन लोगों ने इस देश के करोड़ों गरीबों, वंचितों, शोषितों और महिलाओं को हक दिलाने वाले बाबा साहेब अंबेडकर को भी नहीं छोड़ा।

➡️अब यही दो कौड़ी के लोग.... जिनका इतिहास अंग्रेजों की गुलामी और मुखबिरी से भरा है, जिनका इतिहास अंग्रेजों से माफी मांग कर पेंशन लेने का है, वो लोग भारत की वीर और गौरवशाली सेना का अपमान कर रहे हैं।

ऐसा देश में पहली बार हो रहा है, जब खुलेआम, दिनदहाड़े मंचों से संघीयों द्वारा भारतीय सेना को अपमानित किया जा रहा है।

👉मध्य प्रदेश का BJP नेता और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा कहता है कि पूरी भारतीय सेना और वीर जवान नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक है।

👉इससे दो दिन पहले मध्य प्रदेश के ही कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने देश की वीरांगना कर्नल सोफिया को खुलेआम मंच से आतंकवादियों की बहन बताया था।

आप खुद सोचिए कि ये कितने निंदा, शर्मा और दुख का विषय है। कोई अपने सेना का इस तरह अपमान कैसे कर सकता है ?

➡️अपनी सेना के प्रति इस देश का बच्चा– बच्चाआभारी है। उन्होंने लगातार हमारे दुश्मनों को सबक सिखाया है। हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को दो टुकड़े कर दिया है। हमने 1965, 1971, 1999, और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी हमेशा करारा जवाब दिया है। हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में लगातार आतंकवादी कैम्पों को नष्ट कर पाकिस्तान को घुटने टेक दिए।

👉 हमारे सैनिकों का आदर पूरे देश में है। लेकिन BJP के मन में सेना के प्रति अपमान है क्योंकि इनका नेता नरेंद्र मोदी खुद कहता था कि एक व्यापारी के अंदर सैनिक से ज्यादा साहस है। ये बात भी सच है कि यह वही सरकार है, जिसने गलवान में जवानों की शहादत के बाद ये तक कह दिया था कि- 'कोई घुसा हुआ नहीं है'

👉BJP –RSS का इतिहास उठा कर देख लीजिए....गांधी से लेकर अम्बेडकर तक और संविधान से लेकर सेना तक इन लोगों ने कितनी गलीज और घटिया बातें की हैं।

👉यह कहना कि 'हम बाकियों से अलग हैं', पार्टी विद डिफरेंस हैं तो सच में हैं। इतनी नीचता और फूहड़ता सिर्फ यही कूड़मगज लोग ही कर सकते हैं।

👉ये छोटे दो कौड़ी के प्यादे तो बस एक प्रतिबिंब हैं... उस वीभत्स और खतरनाक विचार का, जिस पर परत-दर-परत नक़ाब चढ़ा हुआ है।
17 मई, 2019 को इसी प्रधानमंत्री ने कहा था, "यह देश सब कुछ स्वीकार कर सकता है, लेकिन अहंकार बिल्कुल स्वीकार नहीं कर सकता है।"

👉ख़ैर, संविधान सभा में जब मंत्री और सदन का सदस्य बनने के लिए अनिवार्य शैक्षिक योग्यता पर चर्चा हो रही थी, तब सर्वसम्मति से यह राय बनी कि मंत्री और सदन का सदस्य बनने के लिए शैक्षिक योग्यता को आधार न बनाया जाए।
लेकिन इस दो कौड़ी के मंत्रियों और विधायकों का एक कौड़ी का बयान सुनकर लग रहा है कि काश, संविधान निर्माताओं ने इन दो पहलुओं पर भी विचार किया होता:

1. मंत्री बनने के लिए "समझदार और संवेदनशील इंसान होना" पहली शर्त होनी चाहिए।

2. यदि कोई अनपढ़ और चापलूस चिंटू मंत्री बन जाए और बाद में उसकी असलियत उजागर हो, तो ऐसे लोगों और उसे संरक्षण देने वालों...दोनों के लिए मिसाल बनने वाली सख्त सज़ा का प्रावधान होना चाहिए।

*मगर, दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। जिसका नतीजा देश को BJP RSS की नाजायज औलादों के रूप में भुगतना पड़ रहा है।*

👉यदि आपको अपने देश से प्रेम है, देश के महापुरुषों और देश की सेना पर गर्व है तो आप खुद भी इन घटिया लोगों का हरसंभव विरोध करें।
*आप ये मत भूलिए कि हस्तिनापुर का दुर्भाग्य यह नहीं था कि उसका राजा अंधा था। हस्तिनापुर का असली दुर्भाग्य यह था कि वहाँ की जनता मौन और कायर थी।*

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