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दौसा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए


दौसा में पोक्सो एक्ट के एक मामले में रिश्वत ले रहे डीएसपी के दलाल को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। एसीबी की इस कार्रवाई का नेतृत्व डीएसपी नवल किशोर मीणा ने किया। जिन्होंने मेंहदीपुर बालाजी में क्षेत्र से दलाल को ट्रैप किया। एसीबी की DIG अनिल कयाल ने बताया कि बालाहेड़ी गांव निवासी विष्णु मीणा जो डीएसपी का कथित दलाल बताया जा रहा है। उसे पोक्सो एक्ट के मामले में रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया है।

पीड़ित से डेढ़ लाख पहले ही ले चुका था आरोपी दलाल

एसीबी के डीएसपी नवल किशोर मीना ने बताया कि आरोपी ने पोक्सो एक्ट में फेवर कराने के लिए पीड़ित से ढाई लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की थी। सत्यापन से पहले ही वह डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत पहले ही ले चुका था। सत्यापन के बाद अब इस पूरे मामले में दौसा के महवा सर्किल में तैनात डीएसपी रमेश तिवाड़ी और उनके रीडर रामदेव की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है। ACB के अधिकारियों का कहना है कि यह जांच सिर्फ दलाल तक सीमित नहीं रहेगी। बल्कि यह देखा जाएगा कि रिश्वत की मांग और लेनदेन में अधिकारी स्तर पर कौन-कौन शामिल था। इसलिए डीएसपी और रीडर की भूमिका की जांच होगी।

कार्रवाई के बाद महुआ डीएसपी और रीडर फरार

दौसा एसीपी के डीएसपी नवल किशोर मीणा ने बताया कि ट्रैप की कार्रवाई की भनक लगते ही महुआ डीएसपी रमेश तिवाड़ी और उसका रीडर रामदेव फरार हो गए है। वहीं डीएसपी के दलाल विष्णु मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही डीएसपी से पूछताछ के लिए एक टीम को रवाना किया गया है। लेकिन अभी तक डीएसपी नहीं मिले है। उनकी तलाश की जा रही है।

ये है पूरा मामला

डीएसपी नवल किशोर मीणा ने बताया कि 14 मई को एक परिवादी आया और उसने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई कि उसके बेटे के खिलाफ महुआ थाने में पोक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज है। जब वह बेटे का फेवर करने की गुजारिश के लिए महुआ थाने में पहुंचा तो डीएसपी ने दलाल विष्णु से मिलवा दिया और उसके बाद ढाई लाख रुपए की राशि रिश्वत के रूप में देना तय हुआ। दलाल ने डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत सत्यापन से पहले ही ले ली थी। वहीं जैसे ही सत्यापन हुआ तो उसके बाद आज 50 हजार रुपए की राशि रिश्वत की राशि लेते हुए दलाल को ट्रैप किया है। सत्यापन के दौरान दलाल के द्वारा डीएसपी और रीडर के साथ लगातार संपर्क में रहने के कारण अब एसीबी द्वारा डीसीपी और रीडर की भूमिका की जांच कर रही है। पोक्सो एक्ट जैसे मामले में जहां नाबालिकों बालिकाओं को न्याय देने के कठोर कानून बनाया है। लेकिन इतने संवेदनशील मामले में भी आरोपी पक्ष से रिश्वत लेना निश्चित रूप से बड़ा हैरान करने वाला मामला है। ACB की इस कार्रवाई से दौसा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल एसीबी की टीम इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आने वाले समय में कई और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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